मथुरा के वृंदावन में ठाकुर बांके-बिहारी महाराज के प्राकट्योत्सव का उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान देशभर से हजारों भक्त प्रकाट्य उत्सव में शामिल होने के लिए वृंदावन पहुंचे हैं। भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को 2 लाख रुपए की पोशाक पहनाई गई है।
मथुरा: आज वृंदावन में बांके-बिहारी का धूमधाम से प्रकाट्य उत्सव मनाया जा रहा है। बता दें कि वैदिक मंत्रों के साथ भगवान कृष्ण की प्राकट्य स्थली का 350 किलो दूध, 150 किलो दही के साथ ही देसी घी, शहद से अभिषेक किया गया है। साथ ही कृष्ण के बाल स्वरूप को विशेष पीले रंग की पोशाक पहनाई गई। बताया जा रहा है कि इस पोशाक की कीमत 2 लाख रुपए है। वहीं अमेरिका के एक भक्त अभिषेक ने बांके बिहारी के लिए 251 डॉलर की माला भेजी है। वहीं धूमधाम से बांके-बिहारी की शोभायात्रा निकाली गई। ठाकुरजी को केसर युक्त मूंग की दाल का हलवे का भोग चढ़ाया गया। देसी और विदेशी 500 किलो फूलों से मंदिर को सजाया गया। साथ ही रंग-बिरंगी लाइटों से मंदिर को सजाया गया है।
श्रीकृष्ण के बाल रूप को किया था प्रकट
बताया गया है कि शाम तक डेढ़ लाख श्रद्धालु यहां पर पहुंचेंगे। बांके-बिहारी का यह 542वां प्राकट्य उत्सव है। बता दें कि 542 साल पहले संत स्वामी हरिदास ने अगहन माह की शुक्ल पक्ष पंचमी को संगीत साधना से यहां पर भगवान बांके बिहारी यानी श्रीकृष्ण के बाल रूप को प्रकट किया था। निधिवन में भगवान बांके बिहारी की प्राकट्य स्थली है। सोमवार को सुबह 4 बजे मंदिर के पट खुलने के बाद भक्तों ने मंदिर की साफ-सफाई की। जिसके बाद प्राकट्य स्थली का पंचामृत से अभिषेक किया गया। प्राकट्य स्थली का अभिषेक होते ही भक्त आनंदित हो उठे। भगवान बांके बिहारी लाल के जयकारों से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। वहीं अभिषेक के बाद आरती की गई। इस दौरान लुधियाना के भक्तों ने 11 हजार दीपक जलाए।
दूर-दूर से वृंदावन पहुंच रहे श्रद्धालु
वहीं बांके बिहारी मंदिर 5100 दीपक और निधिवन में 6100 दीपक जलाए गए। भगवान बांके बिहारी को बधाई देने के लिए स्वामी हरिदास के चित्र को निधिवन से बांके बिहारी मंदिर ले जाया गया। बता दें कि निधिवन से चांदी के रथ पर स्वामी हरिदास का भव्य चित्र को रखा गया था। साथ ही आगरा, दिल्ली, नागपुर, पुणे, मथुरा और वृंदावन के बैंडों की भक्ति मय धुन पर झूमते हुए और बधाई गीत गाते हुए श्रद्धालु शोभायात्रा में शामिल हुए। विभिन्न मार्गों से होते हुए शोभायात्रा बांके बिहारी मंदिर ले जाई जाएगी। इसके बाद स्वामी हरिदास के चित्र को आधे घंटे के लिए बांके-बिहारी के सामने ले जाया जाएगा। बताया गया कि स्वामी हरिदास अपने लाडले बांके-बिहारी को प्राकट्य उत्सव की बधाई देंगे। बता दें कि पूरे दिन भगवान बांके बिहारी को बधाई देने का सिलसिला चलेगा। वहीं निधिवन में शाम को भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।