मथुरा रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने 15 बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की है। इस बीच मानव तस्करी गिरोह को बेनकाब करने के लिए टीम लगाई गई है।
मथुरा: रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी के मामले में एसओजी और जीआरपी की टीम गहनता के साथ लगी हुई है। इस बीच हाथरस के डॉक्टर दंपती का मामला सामने आने के बाद पुलिस इस छानबीन में लगी है कि गिरोह ने कहां-कहां पर बच्चे बेचे। इसके लिए हर बिंदु पर जांच की जा रही है। इसके तहत यदि किसी ने एक या दो वर्ष पहले भी बच्चा लिया है तो उसकी भी पड़ताल की जा रही है।
15 बच्चों को बेचने की बात आ रही सामने
गौरतलब है कि रेलवे स्टेशन से बच्चा चोरी की घटना के बाद जीआरपी और एसओजी मथुरा की टीम के द्वारा एक गिरोह का पर्दाफाश किया गया। इस खुलासे के बाद हर कोई हैरान रह गया है। पुलिस के सामने आरोपियों ने 15 बच्चों को बेचने की बात स्वीकार की है। इस बीच पड़ताल की जा रही है कि बच्चे कहां-कहां पर बेचे गए। मामले को लेकर हाथरस के चिकित्सक दंपती और नर्स से भी पड़ताल की गई। इसके बाद सामने आए तथ्यों की जांच के लिए ही टीम फिरोजाबाद शहर में पड़ताल करने पहुंची।
गिरोह को बेनकाब करने के लिए जांच टीम गठित
आपको बता दें कि 23 अगस्त की रात को मथुरा रेलवे स्टेशन से 7 माह का बच्चा चोरी हो गया था। मामले में जीआरपी ने बच्चों को बरामद कर मानव तस्करी गिरोह का खुलासा किया था। इस गिरोह में शामिल हाथरस के डॉक्टर दंपती समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया था। वहीं चोरी का बच्चा जिस फिरोजाबाद की पार्षद ने खरीदा था उसे भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। वहीं चोरी का बच्चा खरीदने वाली पार्षद विनीता अग्रवाल को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। वहीं उनके पति कृष्ण मुरारी अग्रवाल एडवोकेट भी भाजपा के नेता और उन पर फिलहाल कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। मामले में मथुरा के अलावा हाथरस की टीम भी सक्रिय है। वहीं मानव तस्करी गिरोह के अन्य सदस्यों के चेहरों को बेनकाब करने के लिए विशेष जांच दल भी गठित कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इसमें भारी संख्या में लोग शामिल है।
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