मथुरा: शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाने व आवगमन पर लगी रोक, ज्ञानवापी के बाद सील करने के लिए दायर हुई याचिका

Published : May 17, 2022, 02:01 PM IST
मथुरा: शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाने व आवगमन पर लगी रोक, ज्ञानवापी के बाद सील करने के लिए दायर हुई याचिका

सार

यूपी के मथुरा में कोर्ट में मंगलवार को शाही ईदगाह मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है जिसमें ज्ञानवापी का जिक्र करते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह को भी सील किया जाए।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा कोर्ट ने मंगलवार को श्री कृष्ण जन्मस्थान-शाही ईदगाह मामले को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है। वाराणसी स्थित बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद में वजूखाने को कोर्ट के आदेश पर सील किए जाने को लेकर जारी विवाद के बीच अब मथुरा की प्रसिद्ध शाही ईदगाह मस्जिद को सील करने की मांग की गई है। साथ ही सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाए जाने के साथ आने जाने पर रोक लगाने की मांग हुई है।

एक जुलाई को होगी याचिका पर सुनवाई
ईदगाह में सुरक्षा बढ़ाए जाने के लिए सुरक्षा अधिकारी नियुक्ति को लेकर मांग की गई है। मुथरा सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र लगाया है। इसमें उन्होंने शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाए जाने, वहां आने-जाने पर रोक और सुरक्षा अधिकारी को नियुक्त करने की मांग की गई है। इसी मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अगली तारीख एक जुलाई दी है। इस याचिका पर सुनवाई अब एक जुलाई को होगी।

याचिकाकर्ता ने प्रार्थना पत्र में लिखी ये बात
महेंद्र प्रताप सिंह की तरफ से प्रार्थना पत्र कोर्ट में दिया गया है। उसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद, वाराणसी में जिस प्रकार से हिन्दू शिवलिंग के अवशेष मिले हैं उससे स्थिति स्पष्ट हो गई है कि प्रतिवादीगण वहां इसी कारण शुरू से विरोध करते हैं। आगे कहते है कि बनारस में अवशेष मिलने से स्थिति श्रीकृष्ण जन्मभूमि संपत्ति की है, जो असली गर्भगृह है, वहां पर सभी हिन्दू धार्मिक अवेशष कमल शेषनाग, ॐ, स्वास्तिक आदि हिन्दू धार्मिक चिह्न व अवशेष हैं। 

कैरेक्टर ऑफ प्रॉपर्टी जाएगा बदल 
इसमें से कुछ को मिटा दिया गया है और कुछ को प्रतिवादीगण मिटाने के प्रयास में हैं। इस स्थिति में अगर हिन्दू अवेशेषों को मिटा दिया गया तो कैरेक्टर ऑफ प्रॉपर्टी बदल जाएगा और वाद का उद्देश्य समाप्त जाएगा। जिसमें से लिहाजा इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके अलावा महेंद्र सिंह ने अदालत पत्र में दाखिल किए प्रार्थना पत्र में लिखा कि मथुरा के एसएसपी, डीएम और सीआरपीएफ के कमांडेंट को निर्देशित किया जाए कि ईदगाह को सील करें। महेंद्र प्रताप की इस याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने एक जुलाई की सुनवाई रखी है।

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