कोर्ट ने कहा- आदमी नहीं राक्षस है ये, आखिरी सांस तक जेल में बंद रखने की सुनाई सजा

यूपी के आगरा में ढेढ़ साल की मासूम के साथ रेप करने वाले दोषी को कोर्ट ने आखिरी सांस तक जेल में रखने की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा, यह आदमी नहीं राक्षस है। डेढ़ साल की मासूम तो खिलौने की तरह है। उससे ऐसा घिनौना काम करने वाला राक्षस ही हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 29, 2019 7:54 AM IST / Updated: Nov 29 2019, 02:44 PM IST

आगरा (Uttar Pradesh). यूपी के आगरा में ढेढ़ साल की मासूम के साथ रेप करने वाले दोषी को कोर्ट ने आखिरी सांस तक जेल में रखने की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा, यह आदमी नहीं राक्षस है। डेढ़ साल की मासूम तो खिलौने की तरह है। उससे ऐसा घिनौना काम करने वाला राक्षस ही हो सकता है। इसे समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं और न ही ये मनुष्य कहलाने लायक है। इसने पूरी मानवता को शर्मसार किया है। इसे आखिरी सांस तक जेल में बंद रखा जाए।

क्या है पूरा मामला
मलपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाला शख्स ठेला लगाकर चाउमीन बेचने का काम करता है। 24 मार्च 2018 को उसकी ढेड़ साल की बच्ची ठेले के पास बैठी थी। शख्स चाउमीन बेचने में व्यस्त था। इस बीच मुकेश उर्फ लुक्का (35) वहां आया और चुपके से बच्ची को उठा ले गया। पास के एक सुनसान खेत में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित परिजनों को बच्ची खून से लतपथ खेत में रोती मिली थी। स्थानीय लोगों ने बताया था कि बच्ची को लुक्का ले गया था। जिसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कुबूल कर लिया।

बच्ची के परिजनों को दी जाएगी अर्थदंड की आधी राशि
गुरुवार को मामले पर सुनवाई करते हुए स्पेशल जज (पॉक्सो एक्ट) वीके जैसवाल ने दोषी को अंतिम सांस तक जेल में बंद रखने की सजा सुनाई। साथ ही दो लाख का अर्थदंड भी लगाया। विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) विमलेश आनंद ने बताया, अभियुक्त के खिलाफ 14 गवाह और साक्ष्य पेश किए। कोर्ट ने उसे आखिरी सांस तक जेल में रखे जाने की सजा सुनाई है। अर्थदंड की आधी राशि बच्ची के माता-पिता को दी जाएगी।

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