प्रधानाध्यापिका के सस्पेंड होने पर फूट-फूटकर रोए बच्चे, शिक्षिका बोलीं- अभद्रता के विरोध पर मिला ये पुरस्कार

यूपी के जिले मिर्जापुर में एक प्रधानाध्यापिका के सस्पेंड होने की जानकारी पर बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। बच्चों ने स्कूल का गेट बंद कर दिया और शिक्षिका को चारों तरफ से घेर लिया। उसके बाद शिक्षिका ने बच्चों से वादा किया कि मुझे जाने दीजिए, मैं दोबारा फिर आऊंगी। 

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के जिले मिर्जापुर में एक प्रधानाध्यपिका के सस्पेंड होने पर स्कूल के बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। शिक्षिका के निलंबन की जानकारी होने पर बच्चों ने स्कूल का गेट बंद कर दिया और चारो तरफ से घेर लिया। इस दौरान शिक्षिका बच्चों को समझाती हुई भी नजर आ रही है और बच्चों से कह रही है कि मुझे जाने दीजिए, मैं दोबारा फिर आऊंगी। स्कूल से जाने के दौरान सिर्फ बच्चे ही नहीं बल्कि शिक्षिका भी भावुक हो गई। स्कूल में बच्चों को रोता देख अभिभावक भी वहां पहुंच गए।

जानकारी के अनुसार शहर के छानबे ब्लॉक के चडैचा गांव के प्राथमिक विद्यालय में दीपमाला प्रधानाध्यापिका हैं। बीती 27 अगस्त को रसोइयां को कमरे में बंद करने का वीडियो सामने आया था। जिसके बाद बीएसए ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी थी। जिसमें दीपमाला को सस्पेंड कर दिया गया था। इससे संबंधित पत्र शिक्षिका को तीन सितंबर को मिला और तब उन्होंने बच्चों को बताया कि हमें निलंबित कर दिया गया है। अब मैं शिक्षक दिवस 5 सितंबर को नहीं मिलूंगी।

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स्कूल छोड़ने से पहले प्रधानाध्यापिका ने बच्चों से किया वादा
प्रधानाध्यपिका दीपमाला जब बच्चों से मिलकर जाने लगी तो सभी बच्चों ने स्कूल के गेट को बंद कर दिया और उनको चारो ओर से घेरकर खड़े हो गए। बच्चों को रोता देख वह भी रोने लगीं। इस दौरान वह बच्चों को चुप कराते हुए कह रहीं हैं कि हमको दोबारा आने देना चाहते हो तो जाने दो। उन्होंने कहा कि मैं प्रॉमिस करती हूं कि दोबारा जरूर आऊंगी लेकिन बच्चें नहीं जाने की जिद पर अड़े रहे। वहीं शिक्षिका ने बच्चों का हाथ पकड़कर आने का प्रॉमिस किया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। बच्चों को रोता देख वह भी असहाय हो गए।

जानिए किस वजह से शिक्षिका को किया गया निलंबित
छानबे ब्लॉक के चडैचा गांव के प्राथमिक विद्यालय में मौके पर पहुंचे खंड शिक्षा अधिकारी राजेश श्रीवास्तव ने बच्चों और अभिभावकों को समझाने का प्रयास किया और कहा कि आपकी शिक्षिका यहीं रहेंगी। उसके बाद बच्चे माने और अपने-अपने घर गए। उसके बाद स्कूल में ताला बंद किया जा सका। दरअसल स्कूल के कमरे में रसोइयां के बन्द होने का मामला बीती 27 अगस्त को सामने आया था। एक रसोइयां ने दूसरे रसोइयां को एक कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद सभी स्कूल से चले गए। इसी मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की और जांच रिपोर्ट में शिक्षिकों की गुटबंदी सामने आई है। इसी के बाद प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया गया है।

प्रधानाध्यापिका ने स्कूल के शिक्षक पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं निलंबित प्रधानाध्यापिका दीपमाला का कहना है कि स्कूल के ही एक शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। इसका विरोध करने पर मेरे साथ साजिश की गई है। इतना ही नहीं शिक्षक बच्चियों के साथ गंदे तरीके से बातें करता है। छोटी-छोटी बच्चियों से अमर्यादित प्रश्न पूछता हैं। मैं इसका विरोध करती थी, इसलिए मुझे निलंबन का पुरस्कार मिला है। दूसरी ओर विद्यालय में बच्चों के रोने और शिक्षिका को रोकने के पूरे मामले को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने साजिश का हिस्सा बताया है। 

बीएसए ने बच्चों के द्वारा रोके जाने को बताया साजिश का हिस्सा
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गौतम प्रसाद आगे कहते है कि निलंबन की जानकारी मिलने पर बच्चों को उकसा कर यह वीडियो बनवाया गया। उसके बाद उसको वायरल किया गया। यह जान बूझकर माहौल बनाने की कार्रवाई है। प्रधानाध्यापिका का निलंबन हुआ तो शिक्षिका को तुरंत चले जाना चाहिए था। यह कर्मचारी आचरण नियमावली के खिलाफ है। इस पर कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले चंदौली के शिक्षक का ट्रांसफर होने पर बच्चों के फूट-फूटकर रोने का वीडियो वायरल हुआ था।

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