मैं सरकार के जुल्म का जवाब दूंगी...पति को बचाने के लिए सांसद का पद छोड़ बनी विधायक, खुद भी पहुंचीं जेल

पति को बचाने के लिए राज्यसभा सांसद ने अपनी विधायक बनी आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को खुद जेल जाना पड़ा। बुधवार को रामपुर कोर्ट ने सांसद आजम, उनकी पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला को 2 मार्च के लिए जेल भेज दिया। बता दें, बीजेपी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी, 2019 को अब्दुल्ला आजम के जन्म के 2 प्रमाणपत्र होने के मामले में केस दर्ज करवाया था। आरोप लगाया था कि चुनाव में नामांकन के समय अब्दुल्ला की आयु 25 साल नहीं थी। उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा।

Asianet News Hindi | Published : Feb 26, 2020 11:42 AM IST / Updated: Feb 26 2020, 05:14 PM IST

रामपुर (Uttar Pradesh). पति को बचाने के लिए राज्यसभा सांसद ने अपनी विधायक बनी आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा को खुद जेल जाना पड़ा। बुधवार को रामपुर कोर्ट ने सांसद आजम, उनकी पत्नी तंजीन और बेटे अब्दुल्ला को 2 मार्च के लिए जेल भेज दिया। बता दें, बीजेपी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक आकाश सक्सेना ने 3 जनवरी, 2019 को अब्दुल्ला आजम के जन्म के 2 प्रमाणपत्र होने के मामले में केस दर्ज करवाया था। आरोप लगाया था कि चुनाव में नामांकन के समय अब्दुल्ला की आयु 25 साल नहीं थी। उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर विधानसभा का चुनाव लड़ा। इसी मामले में आजम, उनकी पत्नी और बेटे को नामजद किया गया था। मामला सही पाये जाने पर अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। 

पति जिस सीट पर 9 बार रहे विधायक, वहीं से जीत दर्ज की
अक्टूबर 2019 में यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे। इसमें 8 सीटों पर बीजेपी, एक सीट अपना दल और 3 सीटों पर सपा ने जीत दर्ज की थी। इन 11 में एक सीट थी रामपुर विधानसभा सीट। जिसपर आजम की पत्नी तंजीन फातिमा ने जीत दर्ज की। ये सीट सपा नेता आजम के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी। आजम यहां से 9 बार विधायक रह चुके हैं। 1993 के बाद से सपा इस सीट पर कभी नहीं हारी।

आजम की पत्नी ने इस वजह से छोड़ा था सांसद का पद
बता दें, तंजीन फातिमा राज्यसभा सांसद रह चुकी हैं। सांसद का पद छोड़ वो विधायक बनीं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था, मेरा राज्यसभा का कार्यकाल खत्म होने में अभी डेढ़ साल का समय बचा है। शौहर और बेटे पर झूठे केस दर्ज हुए हैं। राज्यसभा में राष्ट्रीय मुद्दे उठते हैं। वहां स्थानीय मुद्दे के लिए समय कम मिलता है। विधायकी का चुनाव जीतकर मैं सरकार के जुल्म का जवाब दूंगी। यूपी सरकार ने पिछले कुछ महीनों में रामपुर में बेगुनाहों और सपा कार्यकर्ताओं पर जो जुल्म ढाया है। इसी के चलते मैंने यह चुनाव लड़ने का फैसला किया।

जब पत्नी के लिए वोट मांगते रो पड़े थे आजम 
पत्नी के लिए आजम ने रामपुर में कई जनसभाएं की थी। जिसमें उन्होंने अपने उपर लगे आरोपों का जिक्र कर खूब सहानुभूति बटोरी थी। यही नहीं, कई जगह रोते हुए उन्होंने जनता से सवाल पूछा था कि क्या मैं डाकू हूं, क्या मेरी बीवी और बच्चे डाकू हैं? मुझे नहीं पता था कि कभी ऐसा भी कलयुग आएगा कि मेरे जैसे आदमी के ऊपर 88 केस दर्ज हो जाएंगे। डकैती, लूट के यह केस अगर किसी और शख्स पर लगे होते तो मैं पूरे यकीन के साथ कहता हूं, वह इस दुनिया में अबतक नहीं होता।

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