अयोध्या: एक ही परिसर में है मंदिर और मस्जिद, बाबरी कांड के वक्त महंत ने की थी मौलवी की मदद

अयोध्या में साम्प्रादायिक सौहार्द के सैकड़ों ऐसे उदाहरण मिलेंगे जो पूरे विश्व में विवाद के लिए चर्चित इस मामले में एक नजीर हैं। ऐसे ही अयोध्या के देवकाली इलाके में स्थित इस मंदिर और मस्जिद की कहानी है। दरअसल इस मंदिर और मस्जिद की दीवारें आपस में बिलकुल जुडी हुई हैं

Ujjwal Singh | Published : Nov 24, 2019 4:57 AM IST / Updated: Nov 24 2019, 10:55 AM IST

अयोध्या(Uttar Pradesh ). अयोध्या में साम्प्रादायिक सौहार्द के सैकड़ों ऐसे उदाहरण मिलेंगे जो पूरे विश्व में विवाद के लिए चर्चित इस मामले में एक नजीर हैं। ऐसे ही अयोध्या के देवकाली इलाके में स्थित इस मंदिर और मस्जिद की कहानी है। दरअसल इस मंदिर और मस्जिद की दीवारें आपस में बिलकुल जुडी हुई हैं। मंदिर के महंत और मस्जिद के मौलवी की आपस में खूब जमती है। हिन्दू मंदिर में और मुस्लिम मस्जिद में एक साथ पूजा और जियारत करते हैं लेकिन उनमे आपस में कभी भी किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ। 

बता दें कि अयोध्या में देवकाली इलाके में नौगजी मजार है। इस मजार के पीछे ही कौशल किशोर मंदिर भवन है। जिसमे राम-सीता की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। इस मंदिर से ही जुड़ा हुआ एक मस्जिद भी है। जहां रोजाना सैकड़ों मुस्लिम नमाज पढ़ते हैं। इन दोनों धार्मिक स्थानों पर हिन्दू व मुस्लिम पूजा पाठ के लिए आते हैं। लेकिन आज तक उनमें कभी किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं हुआ। अयोध्या के साम्प्रादयिक सौहार्द का ये अद्भुत उदाहरण है। 

Latest Videos

 

बाबरी काण्ड के समय महंत ने की थी मौलवी की मदद 
मंदिर के महंत नरहरि दास शास्त्री ने बताया कि साल 1992 में जब बाबरी मस्जिद काण्ड हुआ था उस समय मंदिर के बगल इस मस्जिद में निर्माण कार्य चल  था। जैसे ही मजदूरों को इसकी जानकारी हुई वह काम छोड़कर भाग खड़े हुए। उस समय मौलवी भी सारा निर्माण कार्य का सारा सामान ऐसे ही छोड़कर चले गए। सामान ऐसे ही पड़ा देखकर मैंने उसे उठवाकर मंदिर में रखवाया। जब महीनो बाद स्थिति सामान्य हुई तो मैंने मौलवी को बुलाकर उनका सारा सामान वापस किया। तब जाकर मस्जिद का निर्माण पूरा हो सका। 

मंदिर के भंडारे में प्रसाद लेने आते हैं मस्जिद में नमाज पढ़ने वाले लोग 
मस्जिद की देखभाल करने वाले जावेद अहमद ने बताया कि यहां मंदिर मस्जिद जरूर अगल-बगल हैं लेकिन कभी कोई ऐसी घटना नहीं हुई जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़े। हमारा मंदिर के महंत जी से से बेहद अच्छा संबंध है। कभी किसी प्रकार की कोई ऐसी बात नहीं हुई जिससे रिश्तों में खटास आए। मंदिर के भंडारे में हम लोग भी शामिल होते हैं और प्रसाद लेते हैं। 

एक साथ होता है मंदिर में हनुमान चलीसा और मस्जिद में अजान की आयतें 
मंदिर के महंत नरहरि दास के मुताबिक़ इस मंदिर में हनुमान चालीसा व रामायण होता रहता है। उसके साथ ही अजान के टाइम पर मस्जिद में अजान भी पढ़ी जाती है। दोनों धार्मिक स्थलों में मौजूद लोगों को एक दूसरे से कभी कोई समस्या नहीं हुई। जब से ये मंदिर और मस्जिद बना है कभी भी आपस में कोई तकरार नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर लड़ाने का काम राजनैतिक पार्टियों के नेता करते हैं। आम जनमानस में इस तरह की कोई बात नहीं। 

Share this article
click me!

Latest Videos

महिला SDM पर टूट पड़ी घूंघट वाली आंटी, कुछ ना कर सकी पुलिस-VIDEO VIRAL
2029 में कौन बनेगा देश का प्रधानमंत्री? योगी-राहुल में किसका राजयोग है प्रबल
Siddhivinayak Ganapati Live Darshan | गणेश चतुर्थी 2024 | मुंबई गणेशोत्सव | Siddhivinayak Ganapati
रायबरेलीः बाल काटने वाले नाई को राहुल गांधी ने भिजवाए 4 गिफ्ट
जमानतः 7 शर्तों में बंधकर जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल