तीन बेटे होने के बाद भी मां के शव को नहीं मिले चार कंधे, ठेले पर शव लादकर अकेले निकला पोता

एक वृद्धा की मौत के बाद उसका शव उठाने को चार कंधे नहीं मिले। वृद्धा के तीन बेटे हैं लेकिन उसके शव को कंधा देने के लिए एक भी मौजूद नहीं हैं। जिसके बाद वृद्धा का पोता अकेले ही दादी की लाश ठेले पर लाद कर चल पड़ा। इंसानियत को तार-तार करने वाला ये मामला जिसने  भी देखा वह चौंक गया। पोता अपने दादी की लाश लेकर एक रिश्तेदार के घर गया जहां रविवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 14, 2020 12:52 PM IST

संतकबीरनगर (Uttar Pradesh ). कहते हैं गरीबी सबसे बड़ा अभिशाप है। लेकिन इस दुनिया में गरीबी और लोगों के मतलबी होने के ऐसे प्रमाण सामने आते रहते हैं कि कोई भी स्तब्ध रह जाए। जी हां, यूपी के संतकबीर नगर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक वृद्धा की मौत के बाद उसका शव उठाने को चार कंधे नहीं मिले। वृद्धा के तीन बेटे हैं लेकिन उसके शव को कंधा देने के लिए एक भी मौजूद नहीं हैं। जिसके बाद वृद्धा का पोता अकेले ही दादी की लाश ठेले पर लाद कर चल पड़ा। इंसानियत को तार-तार करने वाला ये मामला जिसने  भी देखा वह चौंक गया। पोता अपने दादी की लाश लेकर एक रिश्तेदार के घर गया जहां रविवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

मामला यूपी के संतकबीरनगर का है। जिले के पौली ब्लाक के छपरामगर्वी निवासी मंगल कन्नौजिया दो वर्ष से छितही गांव के सीवान में स्थित एक यूकेलिप्टस की बाग में झुग्गी बनाकर दादी के साथ रहता है। मंगल मजदूरी करता है और शाम को आकर खुद ही भोजन बनाता है। शुक्रवार की दोपहर उसकी दादी रामपति देवी की मौत हो गई। मंगल ने दादी के अंतिम संस्कार के लिए चार कन्धों की व्यवस्था करने की काफी कोशिश की लेकिन उसे शव उठाने के लिए चार कंधे नहीं मिले। जिसके बाद मंगल दादी की लाश ठेले पर लाद कर खुद ही निकला पड़ा। अकेले होने के कारण दादी का अंतिम क्रियाकर्म करना मुश्किल था इसलिए वह दादी का शव ठेले पर लाद कर अपनी बुआ के घर चल पड़ा। जहां मृतका का शव रखा गया है। कल रिश्तेदारों के आने के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

वर्षों पहले मंगल के पिता हो गए थे लापता 
मंगल के पिता नारायण कोलकाता में रहकर मजदूरी करते थे। कई साल पहले वह कोलकाता से कहीं लापता हो गए। जिसके बाद आज तक उनका कोई पता नहीं चला। मंगल के पिता तीन भाई हैं। दो भाई सुग्रीव और राजकुमार दिल्ली में रहकर मजदूरी करते हैं। दादी की मौत की खबर मंगल ने उन्हें भेज दी है। बताया का रहा है कि अंतिम संस्कार में दोनों भाई शामिल हो सकते हैं। 

प्रशासन ने दिया हरसम्भव मदद का आश्वासन 
मामले की जानकारी जब ADM वित्त एवं राजस्व संजय पांडेय को हुई तो उन्होंने कहा कि मृतक के परिवार की हर सम्भव मदद की जाएगी। इसके आलावा जो भी योजना के तहत इन्हे लाभान्वित किया जा सकता है उसका लाभ इन्हे दिलाया जाएगा। 
 

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