
बिजनौर (Uttar Pradesh). भारत-पाकिस्तान की सरहदों की बंदिशों में एक परिवार की खुशियों की बलि चढ़ रही है। 40 सालों से एक मां सरहद के उस पार रह रहे अपने बच्चों के प्यार में तड़प रही है। इस इंतजार में उसके पति की मौत भी हो गई। लेकिन आज भी महिला के अंदर यह आस है कि उसे भारत की नागरिकता मिलेगी और वह अपने बच्चों के साथ हमेशा के लिए उनके पास रह सकेगी।
क्या है पूरा मामला
यूपी के बिजनौर के रहने वाले मशहूर हास्य व्यंग कलाकार राशिद बिजनौरी की शादी साल 1979 में पाकिस्तान के कराची शहर में हुई थी। उन्होंने रिश्ते की अपनी मौसेरी बहन नाजनीन फातिमा उर्फ शबनम से निकाह कर, उन्हें भारत ले आए। पत्नी को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए राशिद ने बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं मिली। इस दौरान शबनम ने एक बेटी रेशमा और एक बेटा असद को जन्म दिया और कुछ साल बाद उन्हें अकेले पाकिस्तान लौटना पड़ा। साल 26 अक्तूबर 2018 को राशिद की मौत हो गई।
इस तरह अपने बच्चों से मिलती है मां
बेटी रेशमा के मुताबिक, मां 2-3 साल में एक बार 3 महीने की एनओसी पर भारत आ पाती हैं। अब उनकी उम्र भी काफी हो चुकी है, जिससे अब उन्हें आने में भी काफी दिक्कत होती है। मैं मां को भारत की नागरिकता दिलाने की कोशिश जारी रखूंगी। भाई के साथ नए सिरे से पहल की जाएगी।
बेटी नहीं चाहती पाकिस्तान की नागरिकता लेना
शबनम पाकिस्तान के कराची शहर के नाजमाबाद में अपने पुश्तैनी मकान में रहती हैं। मां से मिलने बच्चे भी 2-3 साल में चले जाते हैं। लेकिन उन्हें पाकिस्तान की नागरिकता लेना मंजूर नहीं। रेशमा के मुताबिक, अगर वह पकिस्तान के किसी व्यक्ति से शादी कर ले तो उसे वहां की नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन उसे अपने मुल्क से बहुत प्यार है। वह मां की जुदाई भले बर्दाश्त कर लेगी, लेकिन पाकिस्तान की नागरिकता लेना उसे कतई बर्दाश्त नहीं।
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।