मुख्तार अंसारी के चेहरे पर देखी गई घबराहट, जेल मंत्री ने कहा- VIP ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा

गैंगस्टर मुख्तार के खिलाफ 53 गंभीर मामले दर्ज हैं। उसके बांदा जेल में शिफ्ट होने पर जेल के बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यहां 30 जवान तैनात किए गए हैं। 
 

Asianet News Hindi | Published : Apr 7, 2021 7:02 AM IST / Updated: Apr 07 2021, 01:20 PM IST

बांदा (Uttar Pradesh) । पंजाब के रोपड़ से बांदा तक साढ़े 14 घंटे के सफर के बाद गैंगस्टर विधायक मुख्तार अंसारी बुधवार तड़के 4.30 बजे बांदा जेल पहुंच गया। बताते हैं कि पंजाब में जहां मुख्तार व्हील चेयर से एंबुलेंस में सवार हुआ था, वहीं बांदा जेल में वह अपने पैरों पर खड़ा होकर अंदर गया। डॉक्टर्स के पैनल की जांच में वह पूरी तरह फिट पाया गया। हालांकि, वह घबराया हुआ था। 

जेल मंत्री ने कहा-आम कैदियों की तरह ही मिलेगी सुविधाएं
प्रदेश सरकार के जेल मंत्री जय प्रताप सिंह जैकी ने कहा कि मुख्तार अंसारी को बांदा जेल के अंदर किसी भी तरह का VIP ट्रीटमेंट नहीं मिलेगा। आम कैदियों की ही तरह उसे सुविधाएं दी जाएंगी। CCTV से उसकी हर एक एक्टिविटी पर नजर रखी जाएगी। जेल के अंदर आने वाले हर व्यक्ति पर भी नजर रखी जाएगी।

मुख्तार पर दर्ज हैं 53 केस
गैंगस्टर मुख्तार के खिलाफ 53 गंभीर मामले दर्ज हैं। उसके बांदा जेल में शिफ्ट होने पर जेल के बाहर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यहां 30 जवान तैनात किए गए हैं। 

बांदा में पहले भी 26 माह रह चुका है मुख्तार
बांदा जेल की बैरक नंबर 15 में मुख्तार अंसारी पहले 26 माह रह चुका है। सपा और बसपा सरकार के चहेते अंसारी को 2017 में भाजपा की सरकार आने के बाद बांदा जेल में डर लगने लगा। 2018 में उसने हार्ट अटैक का ड्रामा रचा और आनन-फानन में प्रशासन ने उसे लखनऊ के IGI में भर्ती कराया। जहां डाक्टर्स ने अंसारी को पूरी तरह फिट बताया था। ।

राजनीति मुख्तार अंसारी
-मुख्तार अंसारी के दादा आजादी से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। 
-दादा का नाम भी मुख्तार ही था, जबकि उसके नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान महावीर चक्र विजेता थे। 
-उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी मुख्तार के चाचा हैं। 
-बड़े भाई अफजाल अंसारी ने 2019 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को गाजीपुर से हराया था। 
मुख्तार अंसारी भी 5वीं बार विधायक है।
-1996 में मुख्तार ने मऊ विधानसभा से बसपा के टिकट पर पहला चुनाव जीता था। इसके बाद 2002, 2007, 2012 और 2017 का चुनाव जीता। 
-2009 में मुख्तार ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन तब हार गया। 
-2010 में बसपा ने मुख्तार को पार्टी से बाहर कर दिया था।

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