
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए लेकिन शायद ही आपको उनके इस किस्से के बारे में पता होगा। पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वीवीआईपी फ्लीट की जिस गाड़ी से आ रहे थे तो उसमें उनकी निजी सचिव आईएएस अनीता सिंह बैठी थी। इसी दौरान दोनों को कार में मच्छरों ने काट लिया। इतना ही नहीं इस दौरान दरवाजा भी खराब हो गया था। इस वजह से पुलिस व परिवहन विभाग के कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया था लेकिन ड्राइवर के कहने पर सिर्फ आधे घंटे के अंदर ही निलंबन का आदेश नेताजी ने निरस्त करा दिया था।पुलिस व परिवहन विभाग को भेजा गया था फैक्सदरअसल इस समय मुलायम सिंह यादव सुमेर किला और सिद्धपीठ कालीवाहन मंदिर के सुंदरीकरण के बाद लोकार्पण करने आए थे। वह गाड़ी से कालीवाहन मंदिर जा रहे थे और मच्छरों के काटने पर रास्ते में ही तत्काल गाड़ी रुकवाई। जिसके बाद अधिकारी भागते हुए उनके पास पहुंचे तो मामले की जानकारी हुए तो चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी। इस घटना को तत्कालीन प्रमुख सचिव और डीजीपी यशपाल सिंह ने तुरंत संज्ञान लिया। जिसके बाद तत्कालीन एसपी के तबादला आदेश के साथ-साथ पुलिस व परिवहन विभाग के कई अधिकारियों के निलंबन का फैक्स भेज दिया। दोनों विभागों में इस कार्रवाई से उथल-पुथल मच गई थी।अधिकारियों की बात ड्राइवर ने नेताजी तक पहुंचाईमुलायम सिंह तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे तो वीवीआईपी फ्लीट की कार सलीम नाम का युवक चलाता था। अधिकारियों ने कार चालक तक अपनी बात पहुंचाई कि घटना अचानक हुई है, इसमें किसी का दोष नहीं है। मीटिंग के बाद जब सलीम नेताजी को सुमेर सिंह का किला लेकर जा रहा था तो बातचीत के समय उसने अधिकारियों की सफाई मुलायम सिंह यादव को बताई। ड्राइवर सलीम की बात सुनने के बाद नेताजी ने तुरंत डीजीपी से फोन पर बात की और प्रमुख सचिव से कोई कार्रवाई न करने के लिए कहा। उनके कहते ही आधे घंटे के अंदर ही निलंबन आदेश निरस्त हो गया था।मुलायम सिंह की अस्थियां लेने के बाद अखिलेश यादव ने परिवार संग कराया मुंडन, नेताजी को यादकर किया भावुक ट्वीटमुलायम सिंह यादव के गांव की यूपी में है अलग पहचान, यादव परिवार ने महानगर की तर्ज पर किया सैफई का विकास
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