निकाय चुनाव: BJP को शिकस्त देने के लिए सपा-रालोद ने मिलकर बनाया मास्टर प्लान, जानें कहां फंस रहा है पेंच

समाजवादी पार्टी और रालोद का गठबंधन निकाय चुनाव में भी देखने को मिलेगा। जयंत चौधरी इस समय दिल्ली में मौजूद है। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद इस्लाम चौधरी ने रालोद प्रमुख से मुलाकात कर इस बारे में जानकारी दी है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 2, 2022 11:34 AM IST / Updated: Nov 03 2022, 10:55 AM IST

आशीष पाण्डेय
लखनऊ
: यूपी विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी और रालोद मिलकर निकाय चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि यूपी में दिसंबर तक निकाय चुनाव का ऐलान हो सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग और जिला प्रशासन स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। एक और जहां भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ रालोद ने भी सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। विधानसभा चुनाव के बाद रालोद और सपा का गठबंधन निकाय चुनाव में भी बरकरार रहेगा। 

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दी मामले की जानकारी
बता दें कि यह जानकारी आरएलडी टीम के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम मिश्रा द्वारा दी गई है। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी इस समय दिल्ली में मौजूद है। बुधवार को जयंत चौधरी ने पार्टी के पदाधिकारियों से मुलाकात की है। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मोहम्मद इस्लाम ने जयंत चौधरी से मुलाकात के बाद सपा-रालोद द्वारा मिलकर चुनाव लड़ने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन मजबूत है और ये ऐसे ही बरकरार रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि हमारा गठबंधन टूटने वाला नहीं है। हम लोग अलग नहीं होंगे।

सीटों के बंटवारे को लेकर की जा रही मीटिंग
वहीं अनुपम मिश्रा ने बताया कि पार्टी द्वारा जिलेवार कमेटी का गठन किया जा रहा है। सपा पदाधिकारियों के साथ मिलकर कमेटी अध्ययन कर रही है। इस दौरान इस बात पर चर्चा हो रही है कि किन सीटों पर सपा और रालोद मजबूती से चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने बताया कि इस पर एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है। अनुपम मिश्रा ने बताया कि इस रिपोर्ट के आधार पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के साथ मीटिंग की जाएगी। इसके साथ ही तभी सीटें भी तय की जाएंगी। 

आजम खान के मुद्दों के साथ लड़ा जाएगा चुनाव
रालोद को अभी तक गांव की ही पार्टी माना जाता है। रालोद अब शहर की पार्टी बनने के लिए जोर लगा रही है। इस बार पार्टी ने निकाय चुनाव को मजबूती से लड़ने का फैसला लिया है। उम्मीद है कि इस बार पर पदाधिकारियों पर भी दांव लगाएगी। पार्टी ऐसे लोगों को टिकट देकर मैदान में उतारेगी जो संगठन में अपनी सक्रियता बनाए हुए हैं। साथ ही सामाजिक तौर पर भी जनता से जुड़े हुए हैं। बता दे कि पांच जनवरी को निकाय चुनाव खत्म हो रहे हैं। वर्ष 2017 की बात करें तो 16 नगर निगमों, 198 पालिका परिषद और 438 नगर पंचायतों में चुनाव हुए थे। वहीं इस बार 17 नगर निगम, 517 नगर पंचायतों और 200 पालिका परिषदों में चुनाव होना है। ऐसे में रालौद आजम खान के मुद्दों को लेकर जनता के बीच में उतरेगी।

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