अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटीशन को लेकर रविवार को मुस्लिम पक्षकारों की लखनऊ में बैठक है। माना जा रहा है कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकती है। इससे पहले शनिवार को चार मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर सहमति दी थी।
लखनऊ (Uttar Pradesh). अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद रिव्यू पिटीशन को लेकर रविवार को मुस्लिम पक्षकारों की लखनऊ में बैठक है। माना जा रहा है कि कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल की जा सकती है। इससे पहले शनिवार को चार मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर सहमति दी थी। हालांकि, इसपर आखिरी फैसला आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में लिया जाएगा। इसके लिए एएमआईएएम अध्यक्ष असददुद्दीन ओवैसी भी लखनऊ पहुंच चुके हैं। बैठक में मस्जिद के लिए पांच एकड़ जमीन ली जाए या नहीं इस पर भी चर्चा होगी। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड और मामले के पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस बैठक का बहिष्कार किया है।
ओवैसी ने कहा था, मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए
मुस्लिम पक्षकारों के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा- मामले के मुद्दई मोहम्मद उमर और मौलाना महफूजुर्रहमान के साथ पक्षकार हाजी महबूब, हाजी असद और हसबुल्ला उर्फ बादशाह ने मौलाना रहमानी से मुलाकात के दौरान बताया है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय समझ से परे है। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड ने साफ कर दिया है कि वो कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा। जबकि एएमआईएम अध्यक्ष असददुद्दीन ओवैसी ने कहा था- मुस्लिमों को मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए। देश का मुसलमान जमीन खरीद सकता है। यही नहीं, हाल ही में उन्होंने ट्विटर पर लिखा था- मुझे मेरी मस्जिद वापस चाहिए।
अयोध्या पर कोर्ट ने ये दिया था फैसला
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को विवादित जमीन पर राम मंदिर बनाने और अयोध्या के किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था। यह भी कहा था- मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने के अंदर केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाए।