मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव के परिवार ने बताया कि देर रात सीने में तेज दर्द शुरू होने के बाद उन्हे अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, अधिवक्ता अभयनाथ यादव की मृत्यु हार्ट अटैक के चलते हुई है।
वाराणसी: काशी (Kashi) के ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi Case) में मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव (Advocate Abhaynath yadav) का रविवार देर रात हार्ट अटैक (Heart Attack) के चलते निधन हो गया। परिवारजनों ने बताया कि रविवार देर रात तकरीबन 10.30 बजे अधिवक्ता अभय नाथ यादव के सीने में तेज दर्द हुआ। दर्द बढ़ता देख परिवार की ओर से डॉक्टरों की सलाह पर उन्हे नजदीकी त्रिमूर्ति और उसके बाद शुभम हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में राखी सिंह समेत अन्य की याचिका पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में चल रही सुनवाई में अभयनाथ यादव मुस्लिम पक्ष के वकील थे।
हार्ट अटैक से हुई मृत्यु, आज होगा अंतिम संस्कार
मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव के परिवार ने बताया कि देर रात सीने में तेज दर्द शुरू होने के बाद उन्हे अस्पताल में ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, अधिवक्ता अभयनाथ यादव की मृत्यु हार्ट अटैक के चलते हुई है। देर रात उनके पार्थिव शरीर को उनके आवास पर लाया गया। सोमवार यानि आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। अधिवक्ता मदनमोहन यादव ने इस बात की पुष्टि की है।
अभय नाथ यादव ने कोर्ट कमिश्नर की भूमिका पर खड़ा किया था सवाल
आपको बता दें कि ज्ञानवापी मामले में दिल्ली निवासी राखी सिंह और अन्य लोगों की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज की अदालत ने बीते 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराने का निर्देश दिया था। सर्वे का यह काम 16 मई को पूरा हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी सर्वे के आखिरी दिन मस्जिद के वजूखाने में मिली संरचना के शिवलिंग होने का दावा किया था। उधर, मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के इस दावों को नकारते हुए कहा था कि वह आकृति शिवलिंग नहीं, बल्कि फव्वारा है। इसके बाद कोर्ट ने परिसर के विवादित हिस्से को सील करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही आपको बता दें कि ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान अभय नाथ यादव ने कोर्ट कमिश्नर की भूमिका पर सवाल खड़ा करने के साथ ही तहखाने का वीडियो वायरल होने पर भी आपत्ति जताते हुए कोर्ट से जांच की मांग की थी।
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