
वाराणसी (Uttar Pradesh). आज यानी 21 फरवरी को पूरे देश में महा शिवरात्रि धूमधाम से मनाई जा रही है। काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ है। आज हम आपको काशी में स्थित एक शिव मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि आस्था के साथ भाईचारे के लिए एक मिशाल है।
जब मुस्लिम महिला को सपने में दिखने लगे मंदिर
वाराणसी के कचहरी में फौजदारी की वकील नूर फातिमा कहती हैं, मेरे घर के आसपास हिंदू रहते हैं। मैं वहां अकेली मुस्लिम हूं। मेरे पति की डेथ के बाद मुझे रोज सपने आने लगे। सपने में मुझे बड़े बड़े मंदिर दिखाई देते थे। हालांकि, मैंने उस पर कभी ध्यान नहीं दिया। कुछ दिनों बाद हमारी कॉलोनी में कई एक्सीडेंट हुए, जिसमें कई लोगों की मौत भी हुई।
भोलेनाथ को जल चढ़ाने के साथ पढ़ती हैं नमाज
नूर कहती हैं, एक दिन भगवान शंकर मेरे सपने में आए और मंदिर निर्माण के लिए कहा। मैंने उसे भी सपना समझ कर भूलना चाहा तो मेरे साथ कई परेशानियां आने लगीं। जिसके बाद मैंने 2004 में कॉलोनी में भगवान शिव के मंदिर का निर्माण कराया। जिसके बाद सब ठीक हो गया। मैं रोज वहां जल चढ़ाने भी जाती हूं और वहीं नमाज भी पए़ती हूं। अगर हिंदू-मुसलमान मिलकर रहेंगे तो देश का विकास होगा।
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