नेताजी ने अंग्रेजी भाषा को कर दिया था बैन, जानिए सूट-पैंट पहने नेताओं को क्यों डांट देते थे मुलायम सिंह यादव

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को ऐसे ही धरती से जुड़ा हुआ नेता नहीं माना जाता था। मुलायम सिंह का मानना था कि जनता के बीच काम करने वाले नेता को आम लोगों की तरह ही दिखना चाहिए। साथ ही उन्होंने अंग्रेजी भाषा का भी विरोध किया था।

लखनऊ: मुलायम सिंह यादव 5 दिसंबर 1989 में 5वीं बार विधायकी जीतने के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश के सीएम बने। मुलायम सिंह ने लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। शपथ के बाद नेताजी ने रुंधे गले से कहा कि लोहिया का गरीब के बेटे को सीएम बनाने का पुराना सपना आज साकार हो गया। मुलायम की यही बातें उन्हें जमीन से जोड़ती थीं और धरतीपुत्र बनाती थीं। मुलायम सिंह यादव ने M.A पास किया था। लेकिन उन्होंने कमजौर वर्ग के लोगों के भले के लिए ऐसी 3 चीजों का विरोध किया जो आज वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। 

नेताजी ने अंग्रेजी भाषा का किया था विरोध
मुलायम सिंह के 79वें जन्मदिन पर उन्हें अंग्रेजी पढ़ाने वाले शिक्षक ने नेताजी से जुड़ा एक किस्सा सुनाया। शिक्षक ने बताया वह मुलायम सिंह को अंग्रेजी सिखाते थे। लेकिन जब नेताजी ने उनको सांसद बनाया तो उनसे कहा कि आप अंग्रेजी के शिक्षक रहे हैं। अंग्रेजी बोलते हैं लेकिन संसद में आप अंग्रेजी मत बलना। जिस भाषा में आपने जनता से वोट मांगे हैं उसी भाषा का प्रयोग संसद में भी करना। पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह ने यह किस्सा शेयर करते हुए कहा कि मुलायम सिंह ने मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में मुख्यमंत्रियों का एक सम्मेलन किया गया था। इस सम्मेलन में हिंदी बोलने वाले सभी मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। इस दौरान नेताजी ने अपने भाषण में कहा था कि जब अंग्रेजी हट जाएगी तो गांव के कई युवाओं को आसानी से नौकरी मिल जाएगी। 

Latest Videos

विरोधियों ने भी नेताजी के इस फैसले का किया था समर्थन
नेताजी के इस भाषण का विरोधियों ने भी समर्थन किया था। उदय प्रताप सिंह कहते हैं कि मैंने ही नेताजी को अंग्रेजी पढ़ाई और फिर दोनों लोगों ने मिलकर इसका जमकर विरोध भी किया। मुलायम सिंह जनता के सामने कभी भी अंग्रेजी नहीं बोलते थे। नेताजी अंग्रेजी भाषा को भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी वजह मानते थे। एक पत्रकार ने अपने लेख में लिखा था कि मुलायम सिंह के अनुसार, अंग्रेजी पढ़े लोग ज्यादा भ्रष्टाचार करते हैं। इसके बाद वर्ष 1990 में नेताजी ने सरकारी कामकाम में अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। कुछ ही दिनों बाद उन्होंने स्कूलों में भी अंग्रेजी बैन किए जाने का आदेश निकाल दिया था। लेकिन विरोध और दबाव के चलते नेताजी को यह आदेश वापस लेना पड़ा था।

मुलायम सिंह ने बताया था नेताओं का ड्रेस कोड
उदय प्रताप बताते हैं कि पहले वह सूट-पैंट, कोट पहनते थे। लेकिन नेताजी ने उनके सांसद बनने के बाद कहा कि आपको जनता के बीच काम करना है, इसलिए आम लोगों की तरह ही उनके बीच में रहिए। जिसके बाद से वह कुर्ता-पैजामा पहनने लगे। इसके अलावा एक बार मुलायम सिंह के करीबी जिला अध्यक्ष योगेश यादव रैली में पैंट-शर्ट पहन कर चले गए थे। जिसके बाद नेताजी ने उनसे कहा था कि हर पेशे की एक वर्दी होती है। जेसे वकील काला कोट पहनते है, पुलिस खाकी वर्दी। ठीक उसी तरह नेताओं की भी ड्रेस होती है। इसलिए धोती-कुर्ता पहनों या फिर कुर्ता पैजामा पहनों और अगर ये भी ना हो पाए तो कम से कम खद्दर तो जरूर पहनो। 

कंप्यूटर शिक्षा का भी किया था विरोध
अग्रेजी भाषा की तरह ही मुलायम ने कंप्यूटर का इस्तेमाल और कंप्यूटर शिक्षा का भी विरोध किया था। नेताजी का मानना था कि कंप्यूटर का गलत इस्तेमाल होगा। जहां गांव का युवा इससे वंचित रह जाएगा तो वहीं दूसरी ओर उनका रोजगार भी छिन जाएगा। इसी वजह से वर्ष 2009 में मुलायम सिंह यादव ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में कंप्यूटर बैन करने का ऐलान कर दिया था। लेकिन समय के साथ मुलायम सिंह ने कंप्यूटर के महत्व को समझा और इसके बाद नेताजी ने खुद अपने बेटे अखिलेश की सरकार में स्कूल के बच्चों को लैपटॉप बांटे थे। 

मुलायम सिंह के निधन के बाद कौन संभालेगा मैनपुरी की विरासत, इन 4 चेहरों पर टिकी हैं सभी की निगाहें

Mulayam Singh Yadav: नेताजी का पार्थिव शरीर पहुंचा मेला ग्राउंड, अंतिम दर्शन के साथ लोग दे रहे श्रद्धाजंलि

मुलायम सिंह की गैरहाजिरी में अखिलेश यादव को देने होंगे कई इम्तिहान, सपा के सामने भी होंगी कई चुनौतियां

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
क्या है महिला सम्मान योजना? फॉर्म भरवाने खुद पहुंचे केजरीवाल । Delhi Election 2025
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi