अब रेल दुर्घटनाओं में घायल व मारे गए यात्रियों के आश्रितों को अब राजधानी का चक्कर नहीं लगाना होगा। रेल मंत्रालय ने उनके आश्रितों के दावों के तुरंत भगुतान और उनके मामलों के जल्द निवारण के लिये प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण (रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल) की बेंच खोलने का निर्णय लिया है।
लखनऊ (उत्तर प्रदेश). रेल मंत्रालय ने बुंदेलखंड और पूर्वांचल के कुछ जिलों को बड़ी सौगात दी है। अब रेल दुर्घटनाओं में घायल व मारे गए यात्रियों के आश्रितों को अब राजधानी का चक्कर नहीं लगाना होगा। रेल मंत्रालय ने उनके आश्रितों के दावों के तुरंत भगुतान और उनके मामलों के जल्द निवारण के लिये प्रयागराज में रेल दावा अधिकरण (रेलवे क्लेम्स ट्रिब्यूनल) की बेंच खोलने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि अभी तक बुंदेलखंड व पूर्वांचल इलाके के रेल यात्रियों के दावों की सुनवाई ज्यादातर गाजियाबाद ,लखनऊ व गोरखपुर में होती थी । जिससे दुर्घटनाओं में घायल या मारे जा चुके यात्रियों के आश्रितों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब रेल मंत्रालय ने रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल बेंच प्रयागराज में खोलकर रेल यात्रियों व उनके आश्रितों को काफी हद तक सहूलियत मिल सकती है।
उत्तर मध्य रेलवे के तीन हजार से अधिक मामले हैं लंबित
उत्तर मध्य रेलवे के करीब तीन हजार मामले विभिन्न रेल दावा अधिकरणों में लंबित हैं। नई पीठ में उत्तर प्रदेश के बांदा, भदोही(संत रविदास नगर), चंदौली, चित्रकूट, फतेहपुर, जालौन, जौनपुर, झांसी, कन्नौज, कौशांबी, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सोनभद्र(राबर्ट्सगंज) एवं वाराणसी जिले शामिल होंगे।
रेलमंत्री ने 12 सितंबर को थी घोषणा
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 12 सितंबर को इस बारे में औपचारिक घोषणा मुम्बई में की थी। अब भारत सरकार के गज़ट में इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी है । उम्मीद है कि इसी साल नवंबर माह तक यह बेंच प्रयागराज में खुल जायेगी ।
रेल यात्रियों के साथ कर्मचारियों को भी मिलेगी राहत
उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने बताया कि अभी तक बुंदेलखंड और पूर्वांचल के कुछ जिलों के रेलयात्रियो को दावों की सुनवाई के लिए दूर जाना पड़ता था। जिससे उन्हें काफी परेशानी होती थी। इसके आलावा रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था । नयी बेंच खुलने से यात्रियों और रेल कर्मचारियों को काफी राहत मिलेगी