निर्भया का वो दोस्त जिसने 16 दिसंबर की रात अपनी आंखों से देखी थी दरिंदगी, जानें अब कहां है वो

निर्भया कांड के दोषियों को मंगलवार को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने फांसी का डेथ वारंट जारी कर दिया। चारों दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि, इस दौरान दोषी अपनी याचिकाएं लगा सकते हैं। कोर्ट ने कहा, आपके पास 14 दिन हैं, आप अपने कानून विकल्प तलाश सकते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 7, 2020 12:40 PM IST / Updated: Jan 07 2020, 06:16 PM IST

गोरखपुर (Uttar Pradesh). निर्भया कांड के दोषियों को मंगलवार को दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने फांसी का डेथ वारंट जारी कर दिया। चारों दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। हालांकि, इस दौरान दोषी अपनी याचिकाएं लगा सकते हैं। कोर्ट ने कहा, आपके पास 14 दिन हैं, आप अपने कानून विकल्प तलाश सकते हैं। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा, हमारे पास क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करने का वक्त है। हम इसे लगाएंगे। आज इस फैसले का जितना बेसब्री से निर्भया की मां इंतजार कर रहीं थीं, उतनी ही बेसब्री उस दोस्त के अंदर भी थी जो उस रात निर्भया के साथ था। आज हम आपको निर्भया के उस दोस्त के बारे में बताने जा रहे हैं।

निर्भया के दोस्त की हो चुकी है शादी 
16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया के साथ उनका दोस्त अवनींद्र था। यूपी के गोरखपुर के रहने वाले अवनींद्र का परिवार तुर्कमानपुर में रहता है। उनके पिता भानु प्रताप पांडेय शहर के जाने माने वकील हैं। वो कहते हैं, इस घटना को 7 साल हो गए। बेटे को संभालने में चार साल लग गए। किसी तरह से उसे इस सदमे से बाहर निकाला। तीन साल पहले उसकी शादी करा दी। आज उसका 2 साल का बेटा भी है। वर्तमान में वो अपनी फैमिली के साथ विदेश में रहता है। प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर के पद पर तैनात है। लेकिन अवनींद्र हमेशा से यही चाहता था कि निर्भया के दोषियों को फांसी हो। 

निर्भया कांड के बाद दोस्त को सताता था ये दर्द 
भानु कहते हैं, निर्भया के बारे में बेटा कहता था कि हर पल एक दर्द सताता है कि दोस्ती अधूरी रह गई। हर पल साथ देने का वादा टूट गया। काश, मैं उसे बचा पाता। कहीं न कहीं दिल में ये बात चुभती है कि काश राजधानी पहले जागी होती तो वो हमारे बीच होती। बेटे कहता था कि एक सुकून है कि कम से कम उसके बहाने ही सही देश के कानून में कुछ बदलाव व जनता में जागरूकता तो आई। 

क्या हुआ था उस रात
16 दिसंबर 2012 की रात बस का ड्राइवर राम सिंह खुरापात करने का प्लान बनाता है। उसके साथ मुकेश, अक्षय, पवन, विनय और एक नाबालिग भी थे। सभी लोग बस लेकर रविदास कैंप आरके पुरम से निकलते हैं और आरके पुरम में बस में CNG डलवाई। बस मुनिरका बस स्टैंड पहुंचती है। जहां निर्भया और उसका दोस्त अवनींद्र खड़े थे। बस से नाबालिग आवाज लगाता है, 'पालम, नजफगढ़, द्वारका'। पालम जाने का किराया पूछकर निर्भया और अवनींद्र बस में बैठ जाते हैं। पैसे लेते समय एक आरोपी निर्भया पर बुरी नजर डालता है, जिसपर अवनींद्र विरोध करता है। इसपर बस में सवार सभी आरोपी उसे जमकर पीटते हैं। डरकर अवनींद्र सीट के नीचे छुप जाता है। उसके बाद सभी आरोपी बारी बारी निर्भया के साथ हैवानियत करते हैं। महिपालपुर में निर्भया और अवनींद्र को बस ने नीचे फेंक आरोपी फरार हो जाते है।

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