UP में कोरोना से बिगड़े हालात: अखिलेश यादव पॉजिटिव, CM योगी हुए क्वारंटीन-7 जिलों में OPD सेवा बंद

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई नहीं दे अन्यथा अदालत पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। अदालत ने सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगाने के साथ ही ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने की हिदायत दी है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 14, 2021 4:52 AM IST / Updated: Apr 14 2021, 10:48 AM IST

लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू हो चुकी है। योगी सरकार ने लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर, गोरखपुर, आगरा, झांसी व मेरठ के सरकारी मेडिकल कालेजों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया गया है। वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना संक्रमण से ज्यादा प्रभावित नगरों में दो अथवा तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने पर विचार करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई नहीं दे अन्यथा अदालत पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। 

सीएम योगी ने खुद को किया आइसोलेट 
सीएम के ओएसडी अभिषेक कौशिक भी कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। इतना ही नहीं, उनके कार्यालय में एक निजी सचिव कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके पहले अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला भी कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं। जिसके चलते सीएम योगी आदित्यनाथ ने खुद को आइसोलेट कर लिया है।

 

अखिलेश यादव कोरोना पॉजिटिव, सीएम पर साधा निशाना
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कोरोना की जांच करवाई थी। जिसकी रिपोर्ट् पॉजीटिव आई है। बता दें कि कई दिनों से उन्हें बुखार की शिकायत थी। वहीं, अखिलेस यादव ने एक दिन पहले स्वास्थ्य कर्मी द्वारा सैंपल लेने की तस्वीर ट्विटर पर शेयर किया। साथ ही कहा कि उत्तर प्रदेश में कोरोना से जो हाहाकार मचा है। उसके लिए भाजपा सरकार को जवाब देना होगा कि उसने कोरोना पर नियंत्रण पाने का झूठा ढिंढोरा क्यों पीटा? टीका, टेस्ट, डॉक्टर, बेड, एंबुलेंस की कमी; टेस्ट रिपोर्ट में देरी व दवाई की कालाबाजारी पर भाजपा सरकार चुप क्यों है? उन्होंने पूछा कि स्टार प्रचारक कहां हैं?

ऑपरेशन टालने का निर्देश
अत्यंत जरूरी सर्जरी को छोड़कर शेष सभी प्रकार के ऑपरेशन टालने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि असाध्य रोगियों की समस्याओं को ध्यान में रखकर सरकार ने ऐसे रोगियों के इलाज की सुविधा पहले की तरह ही जारी रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इमरजेंसी व ट्रामा की सुविधाओं को भी सातों दिन 24 घंटे चालू रखने को भी कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि है कि शहरों में खुले मैदान लेकर अस्थायी अस्पताल बनाकर कोरोना पीडि़तों के इलाज की व्यवस्था की जाय। जरूरी हो तो संविदा पर स्टाफ तैनात किए जाएं।

सामाजिक और धार्मिक कार्यों में होंगे सिर्फ 50 लोग
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सड़क पर कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के दिखाई नहीं दे अन्यथा अदालत पुलिस के खिलाफ अवमानना कार्रवाई करेगी। अदालत ने सामाजिक, धार्मिक आयोजनों में 50 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगा दिया है।  साथ ही ट्रैकिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट योजना में तेजी लाने की हिदायत दी है।
 

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