कानपुर: जूनियर डॉक्टर की हड़ताल में मर रहे मरीज जिम्मेदार बोले 'सब रूटीन मौतें'

Published : Dec 09, 2021, 12:35 PM IST
कानपुर: जूनियर डॉक्टर की  हड़ताल में मर रहे मरीज जिम्मेदार बोले 'सब रूटीन मौतें'

सार

नीट पीजी काउंसिलिंग में देरी के विरोध में जूनियर डाक्टरों की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल 27 नवंबर से चल रही है। जिसके कारण मरीजों का काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को हड़ताल के बीच आठ रोगियों की मौत हो गई। जिनमें सात रोगियों की मौत हैलट और उससे जुड़े हुए अस्पतालों में हुई। वहीं एक घायल को उसके परिजन हैलट से प्राइवेट अस्पताल ले जा रहे थे। लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि हड़ताल की वजह से ये मौतें नहीं हुई हैं।  

कानपुर: नेशनल एलिजिबिलिटी कम इंट्रेंस टेस्ट (नीट) पीजी काउंसिलिंग में देरी के विरोध में जूनियर डाक्टरों की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल (indefinite strike) 27 नवंबर से शुरू हुई थी। जिसके समर्थन में जीएसवीएम मेडिकल कालेज (GSVM Medical college) के जूनियर डाक्टर (Junior Doctor) भी एलएलआर हैलट (LLR Hallet) में इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठे गए थे। बुधवार को हड़ताल के बीच आठ रोगियों (patients) की मौत हो गई।  चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आरके मौर्या (Medical Superintendent Dr. RK Maurya) का कहना है कि हड़ताल की वजह से ये मौतें नहीं हुई हैं ये रूटीन मौतें हैं।

हैलट प्रबंधन ने जारी किए पेशेंट्स के डिटेल्स
चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि मरीज बहुत सीरियस (serious) हालत में दूसरे अस्पतालों (hospital)से रेफर होकर आए थे। उन्होंने बताया कि अभी सिर्फ जेआर-1 (JR-1)हड़ताल पर हैं, बाकी डॉक्टर काम कर रहे हैं। वैसे हैलट में रोगियों की संख्या लगातार घट रही है। अस्पताल के वार्ड खाली हो रहे हैं। आपको बता दें, इमरजेंसी में भी रोगियों की एक बेड पर दो मरीजों की समस्या खत्म हो गई है। हैलट और संबद्ध अस्पतालों (affiliated hospitals) में रोगियों का ब्यौरा हैलट प्रबंधन ने जारी किया है। हैलट में इस वक्त इमरजेंसी और वार्डों में 187 मरीज भर्ती हैं। बुधवार को इमरजेंसी में 18 मरीज भर्ती किए गए।
 

जाने कैसे हुई आठ मौतें
जिनमें पांच की मौत हो गई। दो मरीजों को उसके परिवार वाले बिना डिस्चार्ज कराए ले गए। 89 मरीज जच्चा-बच्चा अस्पताल में भर्ती हैं। साथ ही चार मरीज नए एडमिट हुए। इसी तरह बालरोग अस्पताल में 88 मरीज भर्ती हैं। एक मरीज की इमरजेंसी में मौत हो गई। वह गंभीर हालत में भर्ती हुआ था। इसके अलावा एक मरीज की मौत डॉ. मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल में हुई है। हैलट और संबद्ध अस्पतालों में इस वक्त सिर्फ 423 मरीज भर्ती हैं। बुधवार को 23 नए भर्ती हुए। वहीं, डेरापुर का आशुतोष ट्रक की चपेट में आने से घायल हो गया था। परिजन उसे पहले हैलट लेकर आए, इसके बाद प्राइवेट अस्पताल ले जाने लगे। रास्ते में घायल की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, इलाज में देरी हो रही थी, इस वजह से उसे निजी अस्पताल ले जा रहे थे। 

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