
कानपुर (Uttar Pradesh) । कानपुर में हो रहे बवाल के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का हाथ है। उसने इसके लिए यहां मोटी रकम खर्च की है। जांच में इनपुट पुख्ता हो गया है। चरमपंथी संगठन के कुछ बैंक अकाउंट पर पुलिस की नजर में हैं। वही, कानपुर में सीएए विरोध को लेकर पीएफआइ ने कितनी फंडिंग की, इसे आधिकारिक रूप से अभी कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन अनुमान के मुताबिक पीएफआइ ने कानपुर में भीड़ को उकसाने के लिए कई करोड़ रुपये खर्च किए। इसके लिए करीब 10 बैंक अकाउंट का प्रयोग किया गया है।
पीएफआई के पांच सदस्य गिरफ्तार
पुलिस ने केरल के चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के 5 सदस्यों को कानपुर में सीएए और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी)के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया है। खुफिया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर इनको गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस की जांच में ये बात आई सामने
कानपुर पुलिस की जांच में पता चला है कि 15 दिसंबर से लेकर अब तक शहर में सीएए के विरोध को लेकर जो हिंसा और धरना-प्रदर्शन हुए, उसकी फंडिंग पीएफआइ ने ही की थी। इसके साथ ही मोहम्मद अली पार्क चमनगंज में चल रहा प्रदर्शन भी इसी फंड के जरिये संचालित होने की भी जानकारी मिली है।
ईडी की जांच में ये बात आई सामने
एक राष्ट्रीय समाचार पत्र के मुताबिक पिछले दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में जानकारी मिली थी कि केरल के चरमपंथी संगठन पीएफआई ने विरोध के लिए धन मुहैया कराया है। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि सेंट्रल एजेंसियों से इनपुट मिला था कि कानपुर में हो रहे बवाल के पीछे पीएफआई का हाथ है। पीएफआई ने इसके लिए यहां मोटी रकम खर्च की है। जांच में इनपुट पुख्ता हो गया। चरमपंथी संगठन के कुछ बैंक अकाउंट पर पुलिस की नजर में हैं। एसएसपी के मुताबिक मोहम्मद अली पार्क में चल रहे धरना-प्रदर्शन में भी पीएफआइ का धन प्रयोग हो रहा है।
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