
मेरठ (Uttar Pradesh). यूपी के मेरठ में बुधवार को पुलिस ने 20 हजार के इनामी आरोपी अनीस उर्फ खलीफा को गिरफ्तार कर लिया। वह पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य है। पूछताछ में उसने बताया, साल 1987 के दंगे में उसके भाई रईस की पुलिस की गोली लगने से मौत हो गई थी। जिसका बदला लेने के लिए वो पीएफआई से जुड़ा। बता दें, 20 दिसंबर 2019 को नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा में गोली लगने से चार की मौत हुई थी।
हिंसा के बाद से था फरार
पुलिस के मुताबिक, मेरठ में हुई हिंसा के दौरान अनीस पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा था, इसका एक वीडियो भी सामने आया था। वीडियो फुटेज से चिन्हित कर उसे आरोपी बनाया गया था। हिंसा के बाद से वो फरार था, जिसके बाद उसपर 20 हजार का इनाम भी घोषित किया गया था। पुलिस ने उसके कब्जे से पिस्टल और तमंचा बरामद किया है।
पहले भी जेल जा चुका है अनीस
पुलिस के मुताबिक, 20 दिसंबर 2019 को मेरठ के लिसाड़ी गेट व हापुड़ रोड समेत शहर के आठ स्थानों पर हिंसा हुई थी। मामले में 24 केस दर्ज किए गए थे। 180 नामजद व पांच हजार अज्ञात शामिल हैं। 178 आरोपियों को चिन्हित कर उनके फोटो सार्वजनिक किए गए। चेहरा छिपाकर फायरिंग करने वाले अनीस खलीफा और अनस की पहचान कर 20-20 हजार के इनाम का ऐलान किया गया। अनस को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
हिंसा के लिए घर घर जाकर उकासाया गया
एसएसपी अजय साहनी ने कहा- अनीस उर्फ खलीफा के भाई रईस की 1987 के दंगे में मौत हुई थी। तभी से वह पुलिस के खिलाफ था। साल 2004 में वो अजय देवगन उर्फ पप्पू की हत्या के मामले में जेल भी गया था। अयोध्या पर फैसला आने के बाद वो पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) से जुड़ गया। पीएफआई के लोग लिसाड़ीगेट में घर-घर जाकर लोगों को उकसा रहे थे। सीएए लागू होने का विरोध करते हुए लोगों को भड़काया गया।
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