प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नोएडा के जेवर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का शिलान्यास किया। आपको बता दें कि जेवर एयरपोर्ट का काम पूरा होने के बाद यह यूपी का पांचवा एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही एयरपोर्ट के तैयार होने के बाद आसपास के दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद जैसे कई क्षेत्रों को सुविधा मिलेगी।
नोएडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को गौतम बुद्ध नगर के जेवर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (International Airport) की आधारशिला रखी। इसका निर्माण पूरा होने पर यह उत्तर प्रदेश( Uttar Pradesh) का पांचवां एयरपोर्ट होगा। इस बहुप्रतीक्षित परियोजना को यूपी विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav) के कार्यक्रम की घोषणा से कुछ हफ्ते पहले हरी झंडी दिखाई जा रही है। मोदी ने 20 अक्टूबर को कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन किया था। अयोध्या में एक और अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निमार्णाधीन है। इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बाद जेवर हवाई अड्डा(Jewar Airport) दिल्ली-एनसीआर में बनने वाला दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा।
नजदीकी शहरों को सुविधा प्रदान करेगा जेवर एयरपोर्ट
रणनीतिक रूप से इस एयरपोर्ट की अहमितय काफी अधिक होगी और यह हवाई अड्डा दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, अलीगढ़, आगरा, फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए सुविधाजनक होगा। हवाई अड्डे के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से हो रहा है। यह 1300 हेक्टेयर से अधिक हेक्टेयर पर फैला है। पहले चरण का निर्माण हो जाने के बाद हवाई अड्डे की क्षमता वार्षिक रूप से 1.2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की हो जाएगी। निर्माण-कार्य तय समय पर होने की उम्मीद है और 2024 तक काम पूरा हो जाएगा। इसे अंतर्राष्ट्रीय बोली-कर्ता ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी क्रियान्वित करेगा।
पूरा हुआ फर्स्ट फेज का काम
आपको बता दें कि पहले चरण का मैदानी काम, यानी भू-अधिग्रहण (land acquisition)और प्रभावित परिवारों का पुनर्वास पूरा किया जा चुका है। पहली बार भारत में किसी ऐसे हवाई अड्डे की परिकल्पना की गई है, जहां एकीकृत मल्टी मॉडल कार्गो केंद्र हो तथा जहां सारा ध्यान लॉजिस्टिक संबंधी खर्चों और समय में कमी लाने पर हो। समर्पित कार्गो टर्मिनल की क्षमता 20 लाख मीट्रिक टन होगी, जिसे बढ़ाकर 80 लाख मीट्रिक टन कर दिया जाएगा। औद्योगिक उत्पादों के निर्बाध आवागमन की सुविधा के जरिये, यह हवाई अड्डा क्षेत्र में भारी निवेश को आकर्षित करने, औद्योगिक विकास(industrial development) की गति बढ़ाने और स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएगा। इससे नये उद्यमों को अधिसंख्य अवसर मिलेंगे तथा रोजगार के मौके भी पैदा होंगे।
एयरपोर्ट से जोड़ी जाएंगी हाई स्पीड ट्रेन
इस हवाई अड्डे में ग्राउंड ट्रांस्पोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी मॉडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे। इसके साथ ही टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी। इस तरह हवाई अड्डा सड़क, रेल और मेट्रो से सीधे जुड़ने में सक्षम हो जाएगा। नोएडा और दिल्ली को निर्बाध मेट्रो सेवा के जरिए जोड़ा जायेगा। आसपास के सभी प्रमुख मार्ग और राजमार्ग, जैसे यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे तथा अन्य भी हवाई अड्डे से जोड़े जाएंगे। हवाई अड्डे को प्रस्तावित दिल्ली-वाराणसी हाई स्पीड रेल से भी जोड़ने की योजना है, जिसके कारण दिल्ली और हवाई अड्डे के बीच का सफर मात्र 21 मिनट का हो जाएगा।