आजम खान की बहन को पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद चार घंटे बाद मुक्त कर दिया। बहन ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं, उन्होंने कहा कि, उन्हें जबरन घसीटते हुए ले जाया गया। इस तरह का बर्ताव किया गया जैसे वह कोई अपराधी हों।
रामपुर (उत्तर प्रदेश). जौहर यूनिवर्सिटी के नाम पर किसानों की जमीन हड़पने के मामले में शुक्रवार की दोपहर बाद सपा सांसद आजम खान की बहन निखत को पुलिस ने हिरासत में लिया था। चार घंटे बाद रात आठ बजे उन्हें मुक्त किया गया। निखत ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, उन्हें जबरन घसीटते हुए ले जाया गया। उनके साथ इस तरह का बर्ताव किया गया जैसे वह कोई अपराधी हों। वहीं, एसपी ने कहा कि, न उन्हें हिरासत में लिया गया और न ही गिरफ्तार। बस उनसे पूछताछ की गई है।
आजम खान की पत्नी बोली-उनके साथ जुल्म की हद पार की
आजम खान की पत्नी और राज्यसभा सांसद तंजीम फातिमा ने पत्रकारों को इस घटना की जानकारी दी। उन्होंने इसे पुलिस ज्यादती बताते हुए जुल्म की हद करार दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 70 वर्ष से अधिक उम्र की एक बूढ़ी और बीमार महिला को जबरदस्ती उनके घर से धक्के देते हुए पुलिस ले गई, यह नाइंसाफी है। तंजीम फातिमा ने कहा कि आजम खान की बड़ी बहन निखत को नमाज से पकड़कर घसीटते हुए पुलिस ले गई। उन्होंने कहा कि, क्या यह लोकतांत्रिक तरीका है? यही पुलिस की कार्यप्रणाली है कि अकेली औरत को घर से घसीटकर इस तरह से ले जाया जाए। अगर पुलिस को कुछ पूछना ही है तो सीधे कह देती।
आजम की बहन ने बताई आपबीती...
रिहा होने के बाद आजम खान की बहन निगत अफलाक ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े किए। कहा मैंने भी उनसे रीजन पूछा रीजन बताइए क्या रीजन है और फिर एक दरोगा ने 2 महिला कांस्टेबल से कहा इनके हाथ पकड़ो तब मैंने उन महिला कॉस्टेबल से कहा डोंट टच मी मुझे छूना मत तब उन महिला सिपाहियों ने मुझे नहीं छुआ क्योंकि यह लोग मुझे ठोकरे मारने के मूड में थे। इसलिए मैंने बेहतर समझा और मैं बाहर खुली हुई गाड़ी में जाकर बैठ गई। मुझे आगे की सीट पर बिठाया। क्योंकि मैं पर्दा करती हूं, इसलिए मैंने अपना मुंह ढक लिया मुझे बुर्का पहनने भी नहीं दिया और पुलिस ने कहा सीधी सीधी गाड़ी में जाकर बैठ। फिर मुझे थाने में ले जाकर खड़ा कर दिया, मैंने कहा क्या वजह है तो कहां पता चल जाएगा। मैने कहा मुझे बताया जाए मुझे क्यों यहां लाया गया है और आज जुम्मे का दिन है मैं नमाज पढ़ कर आई हूं और मेरा फाइनल डिसीजन यह है मैंने दरोगा से कहा मुझे शूट कर दे और मैंने अपने हाथ भी ऊपर कर दिए और मैंने कहा मुझे डीएम आकर शूट करें और मैं बार-बार चीख चीख कर कह रही थी कि डीएम आकर मुझे शूट करें फिर मुझे दूसरे थाने लेकर गए मैंने वहां पर भी यही कहा मुझे शूट कर दो एसपी ने मुझसे पूछताछ की और कहा क्या आप कोषाध्यक्ष हो तो मैंने कहा मुझे नहीं पता मैं फैमिली मेंबर हूं। पूछताछ की मेरी वीडियो बनाई गई वह जो बात करता था उसकी वीडियो नहीं बनती थी मैं जो बात करती थी उसकी वीडियो बनाई जाती थी।
पुलिस अफसर ने कहा-उनको न हिरासत में लिया है और न ही गिरफ्तार किया..
पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अजय पाल शर्मा ने बताया, जौहर यूनिवर्सिटी में किसानों की जमीनों को कब्जाने की जांच चल रही है। यह जमीन जौहर विवि को चौहर ट्रस्ट द्वारा 33 साल के पट्टे पर दी गई है। इसी संबंध में जौहर ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष से पूछताछ की जा रही है। शर्मा ने कहा कि "न तो उनको हिरासत में लिया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है। बस उनसे पूछताछ की जा रही है।