लखीमपुर खीरी: तिकुनिया कांड (Lakhimpur tikuniya kand) मामले में जांच टीम ने सोमवार को अदालत में पांच हजार पन्नों की चार्जशीट (Chargesheet) दाखिल की। इस मामले में सात अक्टूबर को पहली गिरफ्तारी (First arresting) हुई थी। तीन अक्टूबर को तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी। वहीं, आज घटना के तीन महीने पूरे हो रहे हैं। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (ajay mishra teni) के बेटे आशीष सहित 13 आरोपी बनाए गए। मंत्री के करीबी वीरेंद्र का भी नाम जोड़ा गया।
बता दें कि तीन अक्टूबर को तिकुनिया कस्बे में हुई हिंसा में चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान गई थी। तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटा आशीष मिश्र मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी भले ही 10 अक्टूबर को हुई थी, मगर उससे पहले सात अक्टूबर को आशीष मिश्र के करीबी साथी कहे जाने वाले लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था।
10 अक्टूबर को हुई थी आशीष मिश्र मोनू की गिरफ्तारी
तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र मोनू समेत 13 आरोपी जिला कारागार में बंद है। आशीष मिश्र की गिरफ्तारी भले ही 10 अक्टूबर को हुई थी, मगर उससे पहले सात अक्टूबर को आशीष मिश्र के करीबी लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों को आठ अक्टूबर को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया था।
आरोपपत्र में धारा 34 भी शामिल
इस मामले में अहम मोड़ उस समय आया, जब जांच टीम ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के दौरान यह पाया कि यह हिंसक कांड सड़क दुर्घटना से जुड़ा हादसा नहीं, बल्कि सोची समझी साजिश के तहत हत्या और हत्या के प्रयास अंग भंग कर देने जैसी जघन्य वारदात की संयुक्त साजिश का हिस्सा है। यही वजह है कि जांच टीम ने सड़क दुर्घटना की धारा 279 279, 337,304 ए की धाराएं हटाते हुए, इनके स्थान पर 307, 326 और धारा 34 बढ़ाई थी। साथ ही आर्म्स एक्ट की धारा 3, 25, 30 साथ ही 35 धाराएं सभी आरोपियों पर लगाई थी।
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