UP पुलिस को 6 साल पहले मर चुके व्यक्ति से शान्ति भंग का खतरा, मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने का भेजा नोटिस

यूपी पुलिस भी अपने अजीबोगरीब कारनामे से आए दिन चर्चा में रहती है। अब एक नया मामला सामने आया है। पुलिस ने 6 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति को नोटिस भेज कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने को कहा है। पुलिस ने इस मृतक से शांति भंग की आशंका जताई है। पुलिस द्वारा भेजी गई इस नोटिस से मृतक के परिजनों के होश उड़ गए हैं

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2020 8:11 AM IST / Updated: Jan 02 2020, 01:59 PM IST

फिरोजाबाद(Uttar Pradesh). यूपी पुलिस भी अपने अजीबोगरीब कारनामे से आए दिन चर्चा में रहती है। अब एक नया मामला सामने आया है। पुलिस ने 6 साल पहले मर चुके एक व्यक्ति को नोटिस भेज कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने को कहा है। पुलिस ने इस मृतक से शांति भंग की आशंका जताई है। पुलिस द्वारा भेजी गई इस नोटिस से मृतक के परिजनों के होश उड़ गए हैं। 

जानकारी के मुताबिक, CAA  विरोध में चल रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर फिरोजाबाद पुलिस ने शांति भंग की आशंका को देखते हुए करीब 200 लोगों की पहचान की थी। उन्हें नोटिस जारी किया था। इन्हीं 200 लोगों में बन्ने खां का नाम भी शामिल हैं जिनकी 6 साल पहले ही मौत ही चुकी है। नोटिस मिलने के बाद से बन्ने खां के परिजन परेशान हैं। 

मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने का फरमान 
मृतक बन्ने खां के परिजनों को मिली नोटिस के मुताबिक उसमे लिखा है कि बन्ने खां मजिस्ट्रेट के सामने पेश हों और निजी मुचलका भर कर जमानत कराएं। जिसके बाद से परिजनों के होश उड़े हुए हैं। अब वह अधिवक्ताओं से विधिक राय लेने की जद्दोजहद में जुटे हुए हैं। 

90 साल के बुजुर्ग को भी भेजा गया नोटिस 
सूत्रों की माने तो पुलिस ने 90 साल के बुजुर्गों को भी शांति भंग का खतरा बताते हुए नोटिस जारी की है। फिरोजाबाद पुलिस की लिस्ट में मृतक बन्ने खां के अलावा 90 साल शूफी अंसार हुसैन और फसाहत मीर खां भी शामिल हैं । शूफी अंसार हुसैन करीब 90 साल के हैं और वह करीब 58 साल से जामा मस्जिद की सेवा कर रहे हैं। इनके अलावा 93 साल के फसाहत मीर खां शहर के जाने-माने समाजसेवी हैं। 


सीओ सिटी को सौंपी गई जांच  
इस बारे में ASP फिरोजाबाद प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। नोटिस जारी हुई है ,लेकिन वह व्यक्ति मृतक है या नहीं इसकी जांच कराई जा रही है। CO CITY अरुण कुमार  सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है। 

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