
लखनऊ (Uttar Pradesh)। सीएए के विरोध में हुई में लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य शहरों में हिंसा के दौरान तोडफ़ोड़ तथा अन्य नुकसान की भरपाई को लेकर प्रदेश सरकार बेहद गंभीर है। लेकिन, आरोपियों से वसूली के लिए लगे होर्डिंग्स पर अब राजनीति शुरू हो गई है। अब कांग्रेस भी इस पोस्टर वॉर में कूद गई है। लेकिन, इसमें बड़ी भूल की है। जिसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं की जा रही है।
कांग्रेस ने की ये गलती
कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से एक कदम आगे बढ़कर सीएम योगी आदित्यनाथ तथा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ पोस्टर्स तथा होर्डिंग्स लगवाए हैं। यह पोस्टर्स तथा होर्डिंग्स कांग्रेस के युवा नेता सुधांशु बाजपेयी व लल्लू कनौजिया ने लगवाए हैं। इसमें भी इन लोगों बड़ी भूल की है। इन सभी ने भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल के स्थान पर केंद्रीय मंत्री कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की फोटो को लगा दिया है।
सपा ने मुख्य मार्गों पर लगवाए थे ऐसे पोस्टर्स
सपा पार्टी ने लखनऊ के मुख्य मार्गों पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे नेताओं के फोटो होर्डिंग्स पर लगाकर सरकार पर हमला बोला था। सपा नेता आईपी सिंह ने दुष्कर्म मामले में दोषी भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और एक अन्य यौन उत्पीड़न के मामले में आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद की फोटो वाले बैनर गुरुवार रात लगवाए। ये बैनर योगी सरकार द्वारा लगवाए गए वसूली वाले बैनर-पोस्टर के बगल में लगे हैं। हालांकि, पुलिस ने सुबह तक सभी बैनर पोस्टरों को हटा दिए।
16 मार्च तक हटना था पोस्टर्स
19 दिसंबर, 2019 को लखनऊ में हुई हिंसा में पुलिस ने 57 लोगों को सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोपी बनाया था। इन लोगों के फोटो, नाम और पते के होर्डिंग सार्वजनिक जगहों पर लगाए थे। इसमें इन लोगों से 88 लाख 62 हजार 537 रुपए के नुकसान की भरपाई कराने की बात कही गई थी। मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आरोपियों के बैनर-पोस्टर 16 मार्च से पहले हटाने का आदेश दिया था।
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती
योगी सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पोस्टर के हटाने के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस मामले में अगले हफ्ते नई बेंच सुनवाई करेगी।
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