
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर गरमागरमी होती हुई नजर आ रही है। बीते विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली भारी बहुमत के साथ जीत का सबसे अधिक नुकसान समाजवादी पार्टी को उठाना पड़ा। चुनाव के पहले मुलायम सिंह यादव के परिवार की छोटी बहु अपर्णा यादव का भाजपा में शामिल होना और अब पार्टी को मिली करारी हार के बाद चाचा शिवपाल की बीजेपी से नजदीकियां बढ़ना प्रदेश के सियासी गलियारे एक बड़ी हलचल को जन्म दे रहे हैं। आपको बता दें कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बुधवार देर शाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद से उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं और तेज हो गई हैं।
20 मिनट से अधिक हुई CM योगी से मुलाकात, पार्टी के लोग बता रहे शिष्टाचार भेंट
बुधवार देर शाम उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके आवास पर हुई मुलाकात के बाद एक तरफ सियासी हलचल बढ़ती हुई नजर आ रही है। वहीं, दूसरी ओर शिवपाल सिंह यादव की पार्टी व उनके करीबी लोग इसे शिष्टाचार भेंट बता रहे हैं। आपको बता दें कि बुधवार को दोपहर में लखनऊ लौटे शिवपाल यादव ने विधायक पद की शपथ ली। इसके बाद देर शाम मुख्यमंत्री आवास पांच कालिदास मार्ग पहुंचकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। दोनों के बीच 20 मिनट से अधिक देर तक बातचीत हुई।
शिवपाल की बीजेपी से पहले भी रही हैं नजदीकियां
यह सभी को पता है कि शिवपाल यादव अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव की हमेशा से इज्जत करते रहे हैं। मुलायम के सम्मान के लिए वह अखिलेश से नाराजगी का भरा कड़ुवा प्याला भी विधानसभा चुनाव में पी गए। सपा से बेघर होने के बाद उन्होंने भले ही अलग पार्टी बनानी पड़ी लेकिन भाजपा से उनकी नजदीकियां लगातार बनी रहीं।साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी शिवपाल के भाजपा में शामिल होने की चर्चाएं तेज हुई थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर जब उनसे मिलने उनके घर तो शिवपाल भी साथ गए थे। विधानसभा चुनाव में भी योगी की कानून व्यवस्था की तारीफ कर भाजपा के प्रति साफ्ट कार्नर होने का संकेत दे दिया था। इन सभी बिंदुओं पर यदि ध्यान दिया जाए तो शिवपाल सिंह यादव का इस बार कुछ बड़ा दाव देखने को मिल सकता है।
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