यूपी के प्रयागराज में नकली प्लेटलेट्स चढ़ाने के बाद जीजा की मौत से आहत साले ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की। अधिकारियों ने बड़ी मुश्किल से उस शख्स को खुद को आग लगाने से रोका।
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के जिले प्रयागराज में नकली प्लेटलेट्स चढ़ाने के मामले में एक युवक की मौत हो गई थी। इसी वजह से उसके साले ने सीएमओ ऑफिस पहुंचकर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। युवक के द्वारा इस हरकत से पूरे कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने किसी तरह से युवक को रोका। दरअसल सौरभ के जीजा प्रदीप पांडेय का ही पिछले दिनों शहर के झलवा के ग्लोबल अस्पताल में उपचार चल रहा था पर खराब प्लेटलेट्स चढ़ा देने की वजह से हालत खराब हुई और मौत हो गई।
अस्पताल का पंजीकरण हुआ था निरस्त
12 अक्टूबर को डेंगू पीड़ित प्रदीप को ग्लोबल में भर्ती कराया गया था पर प्लेटलेट्स काफी कम हो गई थी। इसी बीच अस्पताल स्टाफ ने उसे प्लेटलेट्स लाने का ऑफर दिया। मृतक युवक के घरवालों से 25 हजार लिए और पांच यूनिट प्लेटलेट्स दी। चार यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ने के बाद ही प्रदीप की हालत खराब हो गई। जिसके बाद ग्लोबल अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे दूसरी जगह रेफर किया लेकिन 19 अक्टूबर को प्रदीप की मौत हो गई। इसको लेकर जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया तो अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई। मरीज को खराब प्लेटलेट्स चढ़ा दी गई थी। इतना ही नहीं प्रदीप को बिना जांच कई एंटीबायोटिक देने का मामला भी सामने आया। जिसके बाद अस्पताल के पंजीकरण को निरस्त कर दिया गया है।
मृतक युवक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
अस्पताल के निरस्त होने के बाद भी संचालक की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। इसी से नाराज परिजन शनिवार को सीएमओ कार्यालय पहुंचे और डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। प्रदीप की पत्नी वैष्णवी का आरोप है कि प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग जान बूझकर अस्पताल संचालक की गिरफ्तारी नहीं कर रहा है। सीएमओ से बातचीत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद प्रदीप के साले सौरभ त्रिपाठी ने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और आत्मदाह का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस बल साथ तमाम लोगों ने उसको रोक लिया।