कांग्रेस महासचिव जितेंद्र तिवारी ने टिकट को लेकर पार्टी की राष्ट्रीय नेता पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि 5 लाख न देने पर उन्हें पार्टी का टिकट देने से इनकार किया गया। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि टिकट ने मिलने पर जितेंद्र बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।
लखनऊ: कांग्रेस की ओर से सोमवार को प्रयागराज की शेष सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया गया। हालांकि यह सूची जारी होते ही विवाद सामने आया। दरअसल पार्टी के प्रदेश महासचिव जितेंद्र तिवारी ने पार्टी के पार्टी के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी पर टिकट दिलाने के लिए 5 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाया। आरोप है कि रकम न दिए जाने पर ही टिकट देने से मना किया गया।
मामले को लेकर उन्होंने शीर्ष पदाधिकारियों से शिकायत की और अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि यह और कुछ नहीं बल्कि टिकट ने मिलने से सामने आई नाराजगी है।
वरिष्ठ नेताओं ने कहा टिकट न मिलने की नाराजगी
वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि प्रदेश महासचिव जितेंद्र तिवारी करछना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। इसको लेकर उनकी ओर से आवेदन भी किया गया था। लेकिन सोमवार को लिस्ट जारी होने पर उनका नाम लिस्ट में नहीं था। लिहाजा उन्होंने पार्टी की छवि को धूमिल करने के लिए राष्ट्रीय पदाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाया।
जितेंद्र ने पैसे न देने पर टिकट कटने का आरोप लगाया
वहीं जितेंद्र का कहना है कि पिछले 7 सालों से वह विधानसभा क्षेत्र में पार्टी से जुड़कर कार्य कर रहे हैं। आरोप है कि बीते तकरीबन 15 पहले पहले वह एक राष्ट्रीय पदाधिकारी के प्रयागराज स्थित आवास पर पहुंचे। वह जब उन्होंने टिकट की मांग की तो उनसे 5 लाख रुपए मांगे गए। वहीं रकम न देने पर टिकट देने से इंकार कर दिया गया।
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