अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों के गुणवत्ता को मजबूत करने की तैयारी, राइट्स कंपनी को मिली जिम्मेदारी

अयोध्या में रेलवे स्टेशन का काम राइट्स कंपनी के द्वारा कराया जा रहा है। यहां 80 फीसदी काम पूरा भी हो चुका है। आपको बता दें कि अयोध्या को विकसित करने के लिए 42 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Aug 30, 2022 8:47 AM IST / Updated: Aug 30 2022, 02:19 PM IST

अनुराग शुक्ला
अयोध्या:
रामनगरी विश्व पटल पर स्थापित हो, इसके लिए केंद्र और प्रदेश की सरकारों ने हजारों करोड़ की परियोजनाओं का एलान कर रखा है। कुछ परियोजनाएं मूर्त रूप ले रही हैं। तो कुछ पर काम शुरू होने वाला है। लेकिन बीच-बीच में नगर वासियों और जनप्रतिनिधियों के द्वारा चल रहे कामों की गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह लगाया जाता रहा है। इसकी जानकारी सीएम योगी आदित्यनाथ को होने के बाद निर्माण से संबंधित अधिकारियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। कार्यों के सुपरविजन के लिए राइट्स कंपनी का चयन किया गया है। बता दें राइट्स कंपनी अयोध्या में अंतरष्ट्रीय रेलवे स्टेशन का निर्माण कर रही है। जिसका 80 % काम पूरा भी हो चुका है। कंपनी गुणवत्ता पूर्ण काम कराने के लिए जानी जाती है। देश के विभिन्न स्थानों पर इनके प्रोजेक्ट चल रहें हैं। 

कई संस्थाएं मिलकर अयोध्या में कर रहीं है विकास का कार्य
विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक नव्य अयोध्या के निर्माण कार्य मे कई नामी संस्थाएं जुटीं हैं। जिसमे ग्लोबल कंसलटेंट एजेंसी ली एसोसिएट्स के द्वारा विजन डॉक्यूमेंट का खाका खींचा गया है। इसके साथ विकास प्राधिकरण के सलाहकार के रूप में अन्सर्ट एन्ड यंग ( ईवाई) को रखा गया है। उन्होंने बताया पहली प्राथमिकता है कि विकास के कार्य में गुणवत्ता हो। इस लिए कई चरणों मे कार्यो का परीक्षण किया जा रहा है। इसमें राइट्स कंपनी को भी शामिल किया गया है। उन्होंने बताया यह कंपनी गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ और कानपुर जैसे कई जगहों पर विकास प्राधिकरण के साथ मिलकर निर्माण कार्य कर रही है। इस कंपनी ने देश के कई जगहों पर मेट्रो रेल और एयरपोर्ट का भी निर्माण किया है। बता दें रामनगरी को विकसित करने के लिए 42 प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

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अयोध्यावासी बोले निर्माण में जुटे विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव
केंद्र और प्रदेश की सरकार द्वारा अयोध्या में चलाए जा रहे विकास के प्रोजेक्ट की सराहना अयोध्या वासी करते हैं। लेकिन यह भी कहते हैं कि निर्माण कार्य में जुटे विभागों में आपसी सामंजस्य का अभाव है। जो साफ तौर से दिखता है। तुलसी जी की छावनी के महंत जनार्दन दास कहते हैं। पहले निर्माण होता है उसे कुछ दिन बाद खोदकर दूसरा निर्माण शुरू हो जाता है। वीएचपी के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा के मुताबिक विकास के कार्य देर से दिखे लेकिन अच्छा और मजबूत दिखे इसकी कोशिश जरूर होनी चाहिए। उन्होंने कहा अयोध्या के प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों को भी शमिल करने की जरूरत है। विकास में संतो -महंतों की राय को भी शामिल करने की जरूरत है। क्योंकि विकास में पौराणिक और आधुनिक का मिश्रण जरूरी है। उन्होंने कहा कोई भी विकास आने वाले वर्षों को ध्यान में रखकर किया जानाा चाहिए। इसलिए  सभी अधिकारियों को प्रोजेक्ट पर एक साथ काम करने की जरूरत है।

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