यूपी के जिले रायबरेली में एक सातवीं के छात्र ने शिक्षकों की प्रताड़ना से आहत होकर आत्महत्या कर ली। वह अपनी गलती पर शर्मिंदा था लेकिन टीचर्स ने उसको मौका न देकर उसकी बेइज्जती की। छात्र ने खुदकुशी से पहले एक सुसाइड नोट लिखा है जिसमें उसने माता-पिता, साथियों व टीचर्स को सॉरी बोला है।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शिक्षकों ने छात्र की गलती से इस तरह प्रताड़ित किया कि उसने शर्मिंदा होकर अपनी जिंदगी ही समाप्त कर ली। कोई भी गलती करता है तो हर कोई पहली गलती करने के बाद मौका देता है पर टीचर्स ने ऐसा नहीं किया। जिसके बाद सातवीं के छात्र ने अपने घर में पंखे में लटकर जान दे दी। मौत को गले लगाने से पहले छात्र ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है कि उसके माता-पिता, अंकल-आंटी का कोई दोष नहीं है और स्कूल में हुए पूरे घटनाक्रम को लिखा है। इस मामले में पुलिस ने शिक्षिकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
स्कूल में शिक्षकों ने पिटाई के साथ किया अपमानित
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के मिल एरिया थाना क्षेत्र के सेंट पीटर्स स्कूल का है। इस स्कूल में ही छात्र यश सिंह मौर्य (12) पढ़ता था। गुरुवार को शिक्षिका व प्रधानाचार्य की प्रताड़ना से आहत होकर पंखे के हुक से दुपट्टे से लटककर जान दे दी। दरअसल गुरुवार को बायोलॉजी की परीक्षा में नकल करते पकड़ने पर शिक्षिका ने उसकी न सिर्फ पिटाई की बल्कि सबके सामने अपमानित भी किया। इतना ही नहीं उसके बाद प्रधानाचार्य के पास ले गई तो उन्होंने भी उसी तरह अपमानित किया। स्कूल में हुई इस घटना से क्षुब्ध जब यश घर पहुंचा और बिना किसी से कुछ कहे घर के सबसे ऊपर वाले कमरे में चला गया। यहां पर उसने सुसाइड नोट लिखा और फिर पंखे से लटक गया।
सुसाइड नोट में छात्र ने लिखा कि मैं शर्मिंदा था
मृतक छात्र यश ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैंने पेपर में चीटिंग की। बॉयोलॉजी के पेपर में। मैं मरने जा रहा हूं। इसके लिए मेरे अंकल-आंटी, मम्मी-पापा को दोष मत देना। गलती करने के बाद किसी को एक मौका जरूर देना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। मैं अपनी गलती पर खूब रोया। मैं शर्मिंदा था। मेरे साथियों ने भी शेम-शेम बोला। अब मेरा दिमाग मेरे वश में नहीं है। मुझे बुरे ख्याल आ रहे हैं। मैं माता-पिता, साथियों व टीचर्स से सॉरी बोलता हूं। नकल करना एक गलती हो सकती है मगर क्या यह इतनी बड़ी गलती है कि इसके लिए उसे प्रताड़ित किया जाए। बच्चे की पिटाई के साथ-साथ उसको बेइज्जत किया जाए। अगर ऐसी गलती हो गई तो क्या उसको दूसरा मौका नहीं दिया जाना चाहिए।
अध्यापकों की वजह से मेरा बेटा हमेशा के लिए हुआ दूर
इस तरह के कई सवालों को समझाने और हम सभी को सबक देने के लिए शहर के सातवीं कक्षा के एक छात्र को खुदकुशी करनी पड़ी। उसने सुसाइड नोट में यही सारे सवाल उठाए हैं। बेटे की मौत पर पिता राजीव मौर्या समेत अन्य घरवालों ने आरोप लगाया है कि यश यह सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका और इस वजह से उसने बिना किसी से कुछ कहे आत्महत्या का कदम उठा लिया। यश के पिता राजीव मौर्या का कहना है कि अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए बच्चे को रायबरेली में अपने से दूर चाचा के पास रखा था। मुझे क्या पता था कि मेरा बच्चा अध्यापकों की वजह से हमेशा के लिए दूर हो जाएगा। इस पूरे प्रकरण में सीओ वंदना सिंह का कहना है कि उनकी शिकायत पर प्रधानाचार्य रजनाई डिसूजा और शिक्षिका मोनिका मागो पर केस दर्ज कर लिया गया है।