रायबरेली में दरिंदों ने किया था दुष्कर्म, शातिर अधिकारी और बाबू का कारनामा देख हर कोई हैरान, दर्ज हुआ केस

यूपी के जिले रायबरेली में शातिर बाबू फर्जी खाता खोलकर दुष्कर्म पीड़िता का मुआवजा हजम कर गए। पीड़िता को जानकारी ही नहीं थी कि रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के तहत तीन लाख रुपये मिलने थे। पीड़िता से साल 2019 में दुष्कर्म हुआ था।

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2022 4:22 AM IST

रायबरेली: उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली में तीन साल पहले जिस युवती के साथ दुष्कर्म किया गया, उसी के साथ सरकारी बाबूओं ने धतकर्म किया। पीड़िता के नाम से मिली सरकारी मदद जिला प्रोबेशन अधिकारी और बाबू ने धोखाधड़ी कर हजम कर ली। इस मामले की शिकायत पर एसपी से सीओ सिटी से जांच कराई तो पूरा सच सामने आया। उसके बाद दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पीड़िता के साथ 19 फरवरी 2019 को दुष्कर्म हुआ था। 

जिला प्रोबेशन अधिकारी और बाबू की करतूत
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर कोतवाली के गदागंज क्षेत्र का है। 19 फरवरी 2019 को एक युवती के साथ दुष्कर्म हुआ था। उसके बाद 26 अगस्त 2020 को पीड़िता के फर्जी आधार कार्ड से स्थानीय बैंक ऑफ महाराष्ट्र में जनधन खाता खुलवाया गया था। हालांकि इसकी लिमिट 50 हजार रुपये थी लेकिन रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान योजना के अंतर्गत मुआवजा तीन लाख रुपये आना था। इसलिए पीड़िता के नाम से फर्जी प्रार्थनापत्र देखकर बैंक खाते को सामान्य में बदलवा दिया गया। पीड़िता के नाम से मिली सरकारी मदद जिला प्रोबेशन अधिकारी जयपाल वर्मा और बाबू राजेश श्रीवास्तव ने धोखाधड़ी कर हजम कर ली।

युवती ने एसपी और डीएम से की शिकायत
पीड़िता का नाम और पता नहीं था लेकिन फोटो और मोबाइल नंबर दूसरी युवती का था। पिछले साल 24 अक्तूबर को खाते उस बैंक खाते में तीन लाख रुपये आए। इनमें से 14 नवंबर से 22 नवंबर तक एटीएम के जरिए एक लाख रुपये निकाल लिए गए। उसके बाद खाते में युवती का मोबाइल नंबर दर्ज होने से उसे लेन-देन का संदेश मिला तो वह अपनी मां के साथ लिपिक से मिलने पहुंची। वहां पहुंचने पर लिपिक ने न तो उसे पासबुक दी और न ही निकासी की कोई जानकारी दी। जिसके बाद युवती को संदेह हुआ तो उसने एसपी और डीएम से शिकायत की। 

जल्द ही रिपोर्ट डीएम को देंगे एसडीएम
इस मामले को लेकर एसडीएम (न्यायिक) राजेंद्र शुक्ला के सामने सोमवार को पीड़िता ने बयान दर्ज कराए। इस दौरान उसने अपने नाम और पते से खोले गए खाते को फर्जी बताया। उसने उनको बताया कि किसी भी अनुदान के लिए न तो आवेदन किया और न ही कोई लाभ मिला। अब उसकी शादी हो गई है और मामले में समझौता भी हो गया। आरोपी जमानत पर जेल से बाहर है। जिस पर एसडीएम शुक्ला ने बताया कि वह जल्द ही रिपोर्ट डीएम को देंगे।

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