
रामपुर (Uttar Pradesh) । डीएम को सैल्यूट करने वाला सिपाही रात में सरेराह उन्हें ही जमकर हड़काया। दरअसल रात में हेलमेट लगाकर डीएम आंजनेय कुमार सिंह रात में लाकडाउन की सच्चाई जानने के लिए निकले थे। जहां आधी रात में बाइक से शहर में घूमते पकड़े गए डीएम को सिपाही ने रोक लिया। पहचान न पाने के कारण सिपाही ने डीएम की तबियत से क्लास ली। सिपाही ने डीएम को लॉकडाउन की अहमियत खुलकर समझाई। साथ ही उल्लंघन करने पर सजा क्या हो सकती है को भी हड़क जमाते हुए मन भर कर सुनाया। हालांकि डीएम चुपचाप वापस लौट गए और सुबह कलेक्ट्रेट में सिपाही को बुलाया। शाबासी और प्रमाण पत्र दिया। ताकि जिले में तैनात अन्य सरकारी कर्मचारियों में भी ईमानदारी और मेहनत से काम करने का जज्बा पैदा हो सके।
डीएम आवास के सिपाही भी नहीं पहचान पाए
लॉकडाउन का सच जांचने के लिए जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह आधी रात को अपने एक कर्मचारी की बाइक लेकर खुद ही आवास से निकल पड़े। नाइट पेट्रोलिंग में कोई पुलिसकर्मी न पहचान पाए के लिए बकायदा हेटलमेट लगा लिए। यहां तक की बंगले पर तैनात सिपाही भी उन्हें नहीं पहचान पाए।
दो घंटे में दो स्थानों पर सिपाहियों ने रोका
बाइक से डीएम रामपुर शहर के ज्वाला नगर, अजितपुर, कोसी नदी पुल, मिस्टन गंज, शाहबाद गेट आदि इलाके में गए। अपने ही शहर में आधी रात के वक्त लॉकडाउन में डीएम बाइक से दो घंटे तक घूमते रहे। इस दौरान डीएम को महज दो चेकिंग प्वाइंट पर ही रोका गया। शहर में रात के वक्त किस तरह खुलेआम लॉकडाउन की कुछ जगहों पर धज्जियां उड़ाई जा रही थी। यह आंख से देखने और जानने के बाद भी डीएम ने रात में किसी को नहीं टोका। सिर्फ प्वाइंट्स के नाम दिमाग में फीड कर लिए।
सुबह खोला राज
सुबह होने पर डीएम ने नाइट पेट्रोलिंग में वीक प्वाइंट्स पर तैनात रहने वाले कर्मचारियों या सेक्टर मजिस्ट्रेट् की क्लास ली। साथ ही रात में खुद (डीएम) की क्लास लेने वाले सिपाही को भी बुलाया। जिसका परिचय पूछा तो उसने अपना नाम मोहित बताया, जिसके बाद कहा कि असली और सच्चा तो सही मायने में सिपाही मोहित ही सरकारी मुलाजिम निकला। जिसने एलआईसी चौराहे पर मुझे रोक लिया। बाकायदा उसने मुझे लॉकडाउन की अहमियत समझाई। साथ ही आईंदा लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने तक को कहा।
सिपाही को दिया प्रमाण पत्र
रामपुर डीएम सिपाही मोहित को शाबासी और प्रमाण पत्र दिया। ताकि जिले में तैनात अन्य सरकारी कर्मचारियों में भी ईमानदारी और मेहनत से काम करने का जज्बा पैदा हो सके।।
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