रेप पीड़िता ने मां-बाप के साथ खाया जहर, परिवार ने कहा था, कभी एडीजी तो कभी मंत्री के पास भाग-भागकर थक चुका हूं

यूपी के वाराणसी में सोमवार की सुबह रेप पीड़िता व उसके माता-पिता ने विषाक्त पदार्थ खा लिया। सर्किट हाउस के बाहर तीनों को अचेतावस्था में देखकर स्थानीय लोगों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय पहुंचाया है। जहां उनका इलाज जारी है, हालत गंभीर बनी हुई है

Asianet News Hindi | Published : Dec 23, 2019 9:17 AM IST / Updated: Dec 23 2019, 02:49 PM IST

वाराणसी(Uttar Pradesh). यूपी के वाराणसी में सोमवार की सुबह रेप पीड़िता व उसके माता-पिता ने विषाक्त पदार्थ खा लिया। सर्किट हाउस के बाहर तीनों को अचेतावस्था में देखकर स्थानीय लोगों ने पं. दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय पहुंचाया है। जहां उनका इलाज जारी है, हालत गंभीर बनी हुई है। मौके से एक लेटर मिला है जिसमे उन्हें पुलिस द्वारा प्रताड़ित करने की बात लिखी गई है। हांलाकि पुलिस ने इससे साफ इंकार किया है। 

वाराणसी में सर्किट हाउस के बाहर रेप पीड़िता व उसके मां-बाप ने जहर खा लिया। जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पातल भेजा गया। मौके से एक लेटर मिला जिसमे परिवार ने अपना दर्द बयां किया है। उनका आरोप है कि उनकी बेटी के साथ रेप हुआ,उसे बेंच दिया गया। किसी तरह से वह भागकर अपने घर पहुंची। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा तो लिखा लेकिन अब उन्हें बचाने के लिए दबाव बना रही है। 

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लेटर में पीड़ित परिवार ने लिखी ये बात 
घटना स्थल पर मिले लेटर में पीड़ित परिवार ने लिखा है, सीओ कैंट और इंस्पेक्टर सांठगांठ कर बेटे व बेटी के साथ हुई घटना की विवेचना में धाराएं कमकर आरोपियों को बचाना चाह रहे हैं। पुलिस ने विरोधियों से रिश्वत ली है। हमारी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है, हम अब दौड़ नहीं सकते हैं। इसलिए मैं बेटी व पत्नी के साथ एसएसपी कार्यालय के सामने आत्महत्या कर रहा हूं। दौड़ते दौड़ते दो माह तीन दिन हो गए, कभी आईजी के यहां तो कभी एसएसपी के यहां। कभी एडीजी के पास तो कभी मंत्री के पास, अब थक चुका हूं। कैंट इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी व चौकी इंचार्ज काशीनाथ उपाध्याय बेटी को पुलिस चौकी ले जाकर धमकाते हैं।  

परिवार पर ऐसे टूटा था मुसीबतों का पहाड़ 
पीड़ित के बड़े बेटे की गंगा में डूबने से संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। छोटी बेटी को 4 लोग बहला फुसला कर मुम्बई फिल्मों में काम दिलाने के बहाने धोखे से ले गए। वहां होटल में रखकर गलत काम किया और बेच भी दिया। नवंबर में किसी तरह बच्ची भागकर प्रयागराज पहुंची। वहां से जीआरपी घर तक लेकर आयी। इसका मुकदमा कैंट थाने में दर्ज तो हुआ पर इंस्पेक्टर ने पीड़ित परिवार पर उल्टा समझौते का दबाव बनाना शुरू कर दिया। परिवार ने चिठ्ठी में इंस्पेक्टर, सीओ और चौकी इंचार्ज पर आरोप लगाया है। 

पुलिस ने आरोपों को बताया निराधार 

मामले में एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा- तीनो लोगों का इलाज जारी है। एक नाबालिग लड़की का मामला है, जो घर से कई बार जा चुकी है। पुलिस ने दूसरी बार रिकवर किया और जांच की तो मामला प्रेम प्रसंग का निकला। तीसरी बार लड़की मुंबई में मिली तो 363 और 364 का मुकदमा भी लिखा गया। 164 के बयान में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला आया। जिसमे मुख्य आरोपी और उसका साथी जेल जा चुका है। तीसरा अभियुक्त फरार है। उन्होंने पुलिस पर किसी भी तरह का दबाव बनने के आरोप को खारिज किया। 

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