यूपी लोकसेवा आयोग की भर्तियों में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों को 10% कोटा देने के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसका लाभ सभी आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मिलेगा। विधानसभा में यूपी सरकार लोकसेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक- 2020 को मंजूरी दी गई। बता दें, विधानसभा में 3 विधेयक पारित किए गए हैं। उप्र लोक सेवा विधेयक के अलावा राज्य संपत्ति के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020 और यूपी माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 को भी मंजूरी मिली।
लखनऊ (Uttar Pradesh). यूपी लोकसेवा आयोग की भर्तियों में आर्थिक रूप से पिछड़े अभ्यार्थियों को 10% कोटा देने के लिए मंजूरी दे दी गई है। इसका लाभ सभी आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों को मिलेगा। विधानसभा में यूपी सरकार लोकसेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक- 2020 को मंजूरी दी गई। बता दें, विधानसभा में 3 विधेयक पारित किए गए हैं। उप्र लोक सेवा विधेयक के अलावा राज्य संपत्ति के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020 और यूपी माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 को भी मंजूरी मिली।
आरक्षण के लाभ के लिए करना होगा ये काम
यूपी सरकार लोकसेवा विधेयक के तहत आरक्षण का लाभ पाने वालों के परिवार की वार्षिक आय आठ लाख रुपए से कम होनी चाहिए। आरक्षण के लाभ के लिए अपने क्षेत्र के तहसीलदार से जारी आय और परिसंपत्ति का प्रमाण पत्र देना होगा। हालांकि, यूपीपीएससी में यह व्यवस्था 18 फरवरी, 2019 के एक आदेश से लागू है, लेकिन अब इसे विधिक रूप दिया गया।
ओसीआर बिल्डिंग में आवंटित किया जाएगा आवास
राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020 के तहत प्रदेश सरकार के विभिन्न उपक्रमों, निगम के उपाध्यक्षों, सलाहकार व सदस्यों को राजधानी स्थित राज्य संपत्ति विभाग की ओर से ओसीआर बिल्डिंग में आवास आवंटित किया जाएगा।
अब व्यापारियों को साल में एक बार भरना होगा रिटर्न
माल और सेवा कर विधेयक में व्यापारियों को टैक्स का दायरा 20 लाख से बढ़कर 40 लाख कर दिया गया है। औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा- कंपोजिट स्कीम में हर 3 महीने में रिटर्न भरने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। अब सिर्फ साल में एक बार रिटर्न भरना होगा और तिमाही पर टैक्स जमा करना होगा।