सपा नेता आजम का जेल से बाहर आने का इंतजार बढ़ा, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने घंटों बहस के बाद लिया ये फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खान की जमानत अर्जी पर करीब ढाई घंटे बहस के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया है। यह उनका आखिरी मामला है जिसमें वक्फ बोर्ड की संपत्ति के इस मामले में अगर उनकी जमानत मंजूर होती है, तो वह जेल से बाहर आ जाएंगे। 

प्रयागराज: सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई चार मई को हो गई। लेकिन अभी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया नहीं बल्कि सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में कोर्ट अगले हफ्ते में अपना फैसला सुनाएगी। जज राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने करीब ढाई घंटे चली बहस के दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला रिजर्व कर लिया है। इससे यह स्थिति तो साफ हो गई कि आजम खान को हाईकोर्ट से अभी भी राहत नहीं मिल पाई यानी कि अभी भी वो जेल में बंद है। 

राज्य सरकार ने रखी यह मांग
ज्ञात हो कि समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के खिलाफ कुल 87 आपराधिक मामले दर्ज है। जिनमें से 86 मामलों में जमानत मिल चुकी है। उनके खिलाफ यह आखिरी मामला था, इसी मामले पर सुनवाई जारी थी। इससे पहले भी चार दिसंबर को हाई कोर्ट ने इस फैसले में बहस पूरी होने के बाद जजमेंट में सुरक्षित कर लिया था। लेकिन चार महीने के बाद इस मामले में फैसला ना आने के बाद योगी सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जेंसी एप्लीकेशन और सप्लीमेंट्री दाखिल की। कोर्ट में इसके दाखिल करने का मतलब कि राज्य सरकार ने कोर्ट से मांग की कि इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं, जिन्हें वह कोर्ट में पेश करना चाहती है। कोर्ट ने योगी सरकार की अर्जी स्वीकार करने के बाद इस मामले में दोबारा सुनवाई शुरू की। जबकि 4 मई और 5 मई (दो दिन) तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने एक बार फिर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। 

Latest Videos

सरकार ने उन्हीं मुद्दों को उठाया
आजम खान के वकील ने कहा है कि राज्य सरकार कोर्ट में कुछ नए तथ्य नहीं पेश कर पाई बल्कि उन्हीं मामलों को कोर्ट में दोबारा उठाया गया जो मामले पहले से चार्जशीट में शामिल थे। जिस पर जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच में दो दिनों तक चली सुनवाई में आजम खान के वकीलों ने उनके ऊपर दर्ज कराए मुकदमों को गलत बताया और कहा कि सभी मुकदमे राजनीति से प्रेरित होकर ही दर्ज कराए गए है। सुनवाई में आगे कहा गया कि 86 मुकदमों में अब तक उन्हें जमानत मिल चुकी है इसलिए इसमें भी जमानत मिलनी चाहिए। 

बीएसएफ को दी गई जमीन
जज द्वारा इस फैसले पर राज्य सरकार के वकीलों ने जमानत की अर्जी का विरोध किया और शत्रु संपत्ति की जमीन ट्रस्ट में फर्जी दस्तावेज के आधार पर शामिल करने की बात कही। जिस पर आजम खान के अधिवक्ताओं ने बताया कि साल 2014 में जमीन बीएसएफ को दे दी गई थी। जिस पर केस हुआ था और कोर्ट ने इस मामले में स्टे है। साल 2015 में शिया वक्फ बोर्ड ने भी इस जमीन पर दावा किया, इस मामले में भी हाई कोर्ट से स्टे है। वहीं राज्य सरकार इसे शत्रु संपत्ति बताते हुए सरकार को कस्टोडियन बता रही है।

जेल से बाहर आने का रास्ता साफ
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान के अधिवक्ताओं ने दलील दी की इस मामले में जमानत पर्याप्त आधार है, इसलिए उनको रिहा किया जाना चाहिए। रामपुर विधायक आजम के वकील कमरुल हसन सिद्दीकी के मुताबिक शत्रु संपत्ति से जुड़े इस आखिरी मामले में अगर आजम खान को जमानत मिलती है, तो उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो जाएगा। आजम खान के अधिवक्ता आगे कहते है कि उनके खिलाफ शत्रु संपत्ति से जुड़े इस मामले में अगस्त 2019 में रामपुर के अजीम नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में विवेचना के बाद चार्जशीट भी दाखिल हो गई है।

मीठी ईद पर अब्दुल्ला के कड़वे बोल आए सामने, ट्वीट में बिना नाम लिए आखिर किस पर साधा निशाना?

आजम खान के खिलाफ जया प्रदा की याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किया खारिज, जानिए क्या था पूरा मामला

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

अडानी पर लगा रिश्वतखोरी का आरोप, बॉन्ड पेशकश रद्द! जानें क्या है पूरा मामला?
Google CEO सुंदर पिचाई ने Donald Trump को किया फोन, बीच में शामिल हो गए Elon Musk और फिर...
महाराष्ट्र-झारखंड में किसकी बनेगी सरकार, चौंका रहे एग्जिट पोल। Maharashtra Jharkhand Exit Poll
दिल्ली चुनाव से पहले केजरीवाल को कोर्ट से लगा झटका, कर दिया इनकार । Arvind Kejriwal । Delhi HC
UP By Election Exit Poll: उपचुनाव में कितनी सीटें जीत रहे अखिलेश यादव, कहां चला योगी का मैजिक