बिजली घरों में कोयले का गंभीर संकट, बरसात के मौसम में प्रदेश में आ सकती है ऐसी नौबत

उत्तर प्रदेश में तमाम कवायदों के बाद भी बिजली घरों का कोयला संकट समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। अगर यही स्थिति रही तो बरसात के मौसम में कोयले के अभाव में कई इकाइयों को बंद करने की भी नौबत आ सकती है। 

Asianet News Hindi | Published : Jun 12, 2022 2:38 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार और उत्पादन निगम के प्रबंधन की लाख कोशिशों के बाद भी राज्य के बिजली घर में कोयले का गंभीर संकट उत्पन्न है। यानी अभी भी बिजली घर कोयले की समस्या से उबर नहीं पाए हैं। इन हालातों को सुधारने के लिए की जा रही कोशिशें फेल होती जा रही है। इसकी वजह से सरकार और उत्पादन निगम की चिंता बढ़ने लगी है क्योंकि अगर ऐसी ही हाल रहे तो बरसात के मौसम में कोयले के अभाव में इकाइयों को बंद करने की भी नौबत आ सकती है।

बिजली घरों में नहीं है कोयला स्टॉक  
बीते चार महीनों में बिजली घरों में जारी कोयला संकट समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रहा है। बरसात के महीने के लिए गर्मी से ही अधिक से अधिक कोयले की आपूर्ति कर विद्युत गृह प्रबंधन जुटा रहता है। लेकिन इस साल मार्च से ही आवश्यकता के आधा कोयले की आपूर्ति से बिजली घरों में कोयले का स्टॉक खतरनाक स्थिति में आ गया है। हालात इतने खराब है कि सरकार के कोल खदानों के मुहाने पर स्थिति बिजली घर 30 दिन के कोयला स्टॉक के मानके के आसपास भी नहीं पहुंच पा रहे है। कोयले का स्टॉक किसी में एक, किसी में दो तो किसी बिजली घर में महज आधे दिन का कोयले स्टॉक रह गया है। राज्य में पर्याप्त कोयले नहीं होने के कारण निजी क्षेत्र की लैंको सहित कई इकाइयों को महीने भर से कम लोड पर चलाया जा रहा है। बरसात के माह में कोयला खनन के साथ डिस्पैच का कार्य भी प्रभावित रहता है। इसलिए कोयला कमी के चलते अभी से ही कोयला संकट से जूझ रही इकाइयों से बरसात में उत्पादन प्रबंधन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

लोडिंग प्वाइंट पर बढ़ रहा दबाव
जानकारी के अनुसार कोयला लोडिंग प्वाइंट पर बढ़ते दबाव के कारण वहां से सुचारू लोडिंग का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा कोयला लोड करने में भी पावर प्लांटों की जगह निजी उपभोक्ताओं को तरजीह दी जा रही है। इस वजह से विद्युत गृहों को अपेक्षाकृत कम लोड प्राप्त हो रहा है। तो वहीं दूसरी ओर लोगों ने कोल परियोजना प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए कोयला लोडिंग में बिजली घरों को वरीयता प्रदान करने की मांग की है।

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