यूपी के जिले शाहजहांपुर में डिलीवरी फीस को लेकर डॉक्टर ने दंपति को सलाह दी कि वह किसी जरूरतमंद को बेटी होने पर सौंप दे। इससे उनकी डिलीवरी फीस भी अदा हो जाएंगी। इस बात की जानकारी हिंदू संगठनों को जब हुई तो अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया।
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के जिले शाहजहांपुर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में गर्भवती महिला की डिलीवरी हुई लेकिन डिलीवरी फीस नहीं भर सकी तो डॉक्टर ने भुगतान करने के लिए दंपति को एक रास्ता बताया। डॉक्टर ने अपनी फीस अदा करने के लिए दंपति को समझा-बुझाकर मुस्लिम परिवार को देकर डिलीवरी की फीस अदा कर ली। सातवीं बेटी को जन्म देने वाली मां बिना बेटी के ही घर चली गई। इसकी भनक जब हिंदूवादी संगठन को लगी तो अस्पताल में जमकर हंगामा किया। डॉक्टर पर मासूम को बेचने का आरोप लगाया। जिसके बाद पिता की तरफ से थाने में तहरीर दे गई है और बच्ची को उसे जन्म देने वाली मां को सौंप दिया गया है।
डॉक्टर ने बच्चे के जन्म को लेकर दंपति को दी सलाह
जानकारी के अनुसार यह मामला शहर के निगोही इलाके के त्रिलोकपुर का है। इस इलाके के रहने वाले रमाकांत की गर्भवती पत्नी को कस्बे के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार की रात महिला संगीता देवी ने बेटी को जन्म दिया। रमाकांत और संगीता के पहले से ही छह बच्चे है। रमाकांत का आरोप है कि डॉक्टर ने अपनी फीस 12 हजार रुपए बताकर कहा कि वो गरीब है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे बताया कि डॉक्टर आगे कहते है कि उसके पास इतने रुपए नहीं है कि सात बेटियों की परवरिश कर सके। ऐसे में डिलीवरी के 12 हजार रुपये भी नहीं दे पाओगे। अगर बेटी पैदा होती है तो वो किसी जरूरतमंद को दे दे।
12 हजार रुपए डिलीवरी फीस देकर मासूम को लिया गोद
डॉक्टर की सलाह के बाद दंपति ने गोदनामा भी लिखवा लिया। रात को जब बेटी पैदा हुई तो डॉक्टर ने गांव के रहने वाले नईम और उनकी पत्नी शाजिया को अस्पताल में बुलाकर बेटी को गोद दे दिया। नईम और उसकी पत्नी शाजिया ने 12 हजार रुपए डिलीवरी फीस डॉक्टर को देकर बेटी को गोद लिया था। उसके बाद दोनों दंपति घर चले गए। इस बात की जानकारी गुरुवार की देर शाम हिंदूवादी संगठनों को हुई तो विहिप के जिलामंत्री राजेश अवस्थी के साथ कई कार्यकर्ताओं ने निगोही स्थित अस्पताल के सामने पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। उनका डॉक्टर पर आरोप है कि जबरन बेटी को एक मुस्लिम परिवार को बेच दिया।
एसीएमओं की जांच में अस्पताल पाया गया है अवैध
यह मामला दो समुदायों से जुड़ा होने की वजह से पुलिस भी हरकत में आ गई। हंगामे के बीच थाने की पुलिस ने तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे और अस्पताल के सामने हो रहे हंगामे को शांत कराकर उसकी जांच कराने के लिए सीएमओ की सूचना दी। दूसरी ओर रमाकांत ने थाने में तहरीर देकर डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है। सीएमओ ने एसीएमओं को अस्पताल की जांच कराई तो जांच में अस्पताल अवैध पाया गया। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया गया है। इस पूरे प्रकरण पर एसओ रविंद्र सिहं का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जिस परिवार को बच्चा दिया गया था, हंगामा होने के बाद वापस कर दिया गया है। दोनों पक्षों से पूछताछ की जाएगी।
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