
शाहजहांपुर: जनपद में हनुमान मंदिर को धीरे-धीरे खिसकाया जा रहा है। दरअसल यह मंदिर हाईवे पर बाधक बन रहा था। इसी के चलते इंजीनियर 50 जैक की मदद से इसे धीरे-धीरे खिसका रहे हैं। प्रदेश में पहली बार इस तकनीकि के जरिए इंजीनियर मंदिर को 16 फीट पीछे शिफ्ट कर चुके हैं। तकरीबन डेढ़ माह के भीतर मंदिर शिफ्ट कर हाईवे को खोल दिया जाएगा। लाखों लोगों की आस्था के केंद्र इस मंदिर को सूझबूझ के साथ ऐसे शिफ्ट किया जा रहा है जिससे भावनाएं आहत न हों।
हाईवे से हटाकर खेत में शिफ्ट किया गया मंदिर
आपको बता दें कि शाहजहांपुर में हनुमान मंदिर तीन दशकों से लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। हाईवे बनने के बाद यहां एक मंदिर मार्ग को चौड़ा करने की जद में आ रहा था। इसके चलते प्रशासन ने बड़ी सूझबूझ से पुजारियों की सहमति के बाद इंजीनियरों की मदद से इसे शिफ्ट करने की कवायद शुरू की। तकरीबन 500 जैक की मदद से इस मंदिर को 16 फीट तक पीछे खिसका दिया गया है। तकरीबन डेढ़ माह के बाद इस मंदिर को बाकायदा हाईवे से हटाकर खेत में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
मंदिर तोड़ने के लिए आई मशीने हो गई खराब
स्थानीय लोगों के द्वारा बताया गया कि बीते तकरीबन तीन सालों से मंदिर को हटाने के प्रयास किए जा रहे थे। इस बीच प्रशासन ने बुलडोजर के जरिए भी इसे तोड़ने के प्रयास किए थे। लेकिन लोगों की आस्था और भगवान की मर्जी के चलते मशीनें खराब हो गईं। मशीने खराब होने के बाद लोगों ने भी आस्था के चलते विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद तकनीकि के जरिए बिना तोड़फोड़ के इस मंदिर को शिफ्ट किया जा रहा है। वहीं मंदिर शिफ्ट किए जाने के दौरान गंगा जमुनी तहजीब भी सामने आई। मंदिर शिफ्ट करने को लेकर बाबू अली ने अपनी एक बीघा जमीन का बैनामा प्रशासन के नाम पर किया गया था। जमीन मिलने के बाद ही प्रशासन ने मंदिर शिफ्ट करने की कवायद शुरू की।
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