
मथुरा: शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी के अध्यक्ष डॉ. जे हसन ने कहा कि ईदगाह और श्री कृष्ण जन्मस्थान मामले में जनता जो निर्णय करेगी वह मान्य होगा। उन्होंने कहा कि मस्जिद खुदा का घर है कोई केक नहीं है जिसे कहीं भी उठाकर ले जाएंगे। हम हमारी जागीर भी नहीं है जिसकी अदला बदली कर ली जाएगी। डॉ. हसन ने मीडिया से बातचीत में उस बयान पर भी नाराजगी जताई जिसमें ईदगाह छोड़ने के बदले उन्हें ब्रज से बाहर जमीन दिए जाने की पेशकश की गई थी।
कोर्ट के बाहर वार्ता से हल निकालने की हुई पेशकश
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले लखनऊ में ही आयोजित एक कार्यक्रम में डॉ. जेड हसन ने कहा था कि हम लोग श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह का विवाद न्यायालय के बाहर वार्ता के जरिए सुलझाने के लिए तैयार है। इसके लिए वह दोनों ही पक्षों से बैठकर वार्ता करेंगे और प्रयास होगा कि इस मामले का हल वार्ता के जरिए कोर्ट के बाहर ही हो जाए।
मस्जिद के लिए दूसरी जमीन देने की हो चुकी है पेशकश
वहीं इस मामले में पहले ही वादी श्री कृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह कह चुके हैं कि उन्होंने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम पक्ष शाही ईदगाह छोड़ दे तो वह ब्रज चौरासी कोस से बाहर उन्हें ढाई गुना जमीन ईदगाह के लिए दे देंगे। वहीं अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष के द्वारा भी ऐसी ही पेशकश की गई है। अखिल भारत हिंदू महासभा के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा है कि वह मेवात में ईदगाह के बदले दस एकड़ जमीन देने के लिए तैयार हैं। इन तमाम पेशकश को लेकर डॉ हसन ने जवाब दिया कि यह ईदगाह है कोई केक नहीं है जो कभी भी उठाकर ले जाया जाएगा। यह अल्लाह का घर है जिसकी देखरेख जरूर हम लोग करते हैं लेकिन मालिक नहीं हैं। जनता इन मामलों में हमसे भी ऊपर है और वह ही इसका निर्णय लेगी।
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