
गोरखपुर (Uttar Pradesh) । परदेश गए बेटे की मौत के बाद उसके शव को लाने का पिता ने काफी प्रयास किया, लेकिन, लॉकडाउन के कारण वह ऐसा नहीं कर पाया। वहीं, और अपने रिश्तेदारों से ही शव का वहीं, अंतिम संस्कार करने को कह दिया, जबकि यहां पिता ने बेटे का पुतला बनाकर उसका अंतिम संस्कार किया।
यह है पूरा मामला
झंगहा थाना क्षेत्र के अमहिया गांव निवासी मुनीब का पुत्र रणविजय उर्फ गुड्डू (32) कुछ दिनों पूर्व अपने एक रिश्तेदार के साथ पुणे में कमाने गए थे। जिसकी रविवार को बीमारी के कारण मौत हो गई। परिवार के लोग शव लाने का काफी प्रयास किए। लेकिन, कोई रास्ता न मिलने पर वहीं पर रिश्तेदारों से अंतिम संस्कार करने के लिए कह दिए। जिसके बाद मामा ने अंतिम संस्कार किया।
पिता ने सुनाई ये कहानी
मृतक के पिता मुनीब ने बताया कि बेटे को कई दिनों से बुखार आ रहा था। पुणे में ही रह रहे उसके मामा ने एक अस्पताल में भर्ती कराया था। रविवार की रात फोन पर सूचना मिली कि बुखार के चलते उसकी मौत हो गई है। लॉकडाउन की बात बताकर मुनीब ने वहीं उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कह दिया।
पेंट पॉलिश का करता था काम
रणविजय पुणे पेंट-पॉलिश का कार्य करता था। मौत की खबर मिलते ही परिवार में मातम पसर गया। परिजन लॉकडाउन के चलते शव को घर नहीं मंगवा सके। झंगहा क्षेत्र के गौरी घाट पर पिता ने बेटे का पुतला बनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
(प्रतीकात्मक फोटो)
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