
लखनऊ (Uttar Pradesh) लॉकडाउन तोड़ते हुए बेवजह घूमने वाले बेट को मौत की सजा मिली। पिता और भाई ने मिलकर उसकी हत्या कर दी। अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए उसके दोनों ने उसके शव को फांसी पर लटका दिया। सुबह होने पर आत्महत्या करने का शोर मचाया और आनन-फानन में अस्पताल लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, खबर मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, लेकिन रिपोर्ट देखकर चौक गई, क्योंकि युवक ने आत्महत्या नहीं थी, बल्कि उसकी हत्या की गई थी, जिसके बाद पुलिस ने मृतक के पिता और बेटे को गिरफ्तार किया तो सच्चाई सामने आ गई। यह मामला विभव खंड का है।
यह है पूरा मामला
अनुपम (19) टाइल्स कारीगर था। लॉकडाउन के दौरान भी रात को अक्सर बाइक से घूमने निकल जाता था। इसका पिता जसकरन और भाई अंकित लगातार विरोध करते थे। रविवार को भी खाना खाने के बाद रात 9 बजे अनुपम बाइक से घूमने चला गया था। देर रात लौटा तो पिता और भाई के साथ कहासुनी हो गई, जिस पर अनुपम ने गुस्से में अपना मोबाइल जमीन पर पटक करतोड़ दिया। इसके बाद पिता-पुत्र में मारपीट शुरू हो गई। मारपीट के दौरान पिता और भाई ने अनुपम के सिर पर डंडे से प्रहार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
ऐसे गुनाहों पर पर्दा डाल रहे थे पिता-पुत्र
परिजन रात भर अनुपम के शव को घर में ही रखे रहे। हत्या को आत्महत्या का रंग देने का प्लान बनाया। प्लान के तहत सुबह अनुपम के शव को लोहिया अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों और पुलिस को बताया कि उसने आत्महत्या कर ली है। सबूत के तौर पर लोहे का तार ले गए थे, जिससे लटक कर जान देने की बात बताई। पुलिस ने परिवार की बात को सच माना और शव का पोस्टमार्टम कराया।
पोस्टमार्टम से खुला राज
इंस्पेक्टर विभूति खंड श्याम बाबू शुक्ला ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में युवक के सिर पर दो चोटों का खुलासा हुआ। पता चला कि युवक की मौत सिर पर लगी चोट से हुई है। यह मामला आत्महत्या का नहीं हत्या का था। पुलिस में मृतक अनुपम के पिता जसकरन और भाई अंकित से सख्ती से पूछताछ की तो पूरी घटना का खुलासा हुआ।
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