47 साल में 20 मर्डर; मनरेगा का काम कर रहे थे मजदूर, देखने पहुंचे सपा नेता और उनके बेटे की हत्या

छोटे लाल दिवाकर सपा नेता थे। वर्ष 2017 में चंदौसी विधानसभा से सपा ने इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, कांग्रेस से गठबंधन के चलते बाद में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी और फिर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी यहां से उतारा था।
 

Asianet News Hindi | Published : May 19, 2020 6:13 AM IST / Updated: May 19 2020, 01:55 PM IST

सम्भल (Uttar Pradesh) । प्रधानपति, सपा नेता और उसके बेटे की गोली मारकर को हत्या कर दी गई। पिता-पुत्र गांव से बाहर चल रहे मनरेगा कार्य को देखने गए थे। वर्ष 2017 में सपा से प्रधान पति को विधानसभा का टिकट भी मिला था। लेकिन, गठबंधन के चलते कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी उतारा था। बताया जा रहा है कि इस गांव में 1973 में एक ही दिन में ग्यारह लोगों की हत्या हो गई थी। अब तक करीब बीस लोगों की हत्या हो चुकी है। 

यह है पूरा मामला
शमशोई में गांव के बाहर मनरेगा का कार्य चल रहा था। ग्राम प्रधान के पति और सपा नेता छोटे लाल दिवाकर अपने बेटे सुनील दिवाकर के साथ मनरेगा कार्य को देखने गए थे। आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों से उनकी पुरानी रंजिश चली आ रही है। जिस स्थान पर मनरेगा का कार्य चल रहा था वही पर हमलावरों ने दोनों को घेरकर गोली मार दी। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

भाग गए मनरेगा मजदूर
मनरेगा का कार्य कर रहे मजदूर भी भाग गए। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई। शवों को कब्जे में ले लिया। वहीं, वारदात को अंजामदेने वाले फरार हो गए। लेकिन डबल मर्डर करने की पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और इसका वीडियो वायरल हो गया।

गांव के ही है हत्यारे
सीओ अशोक कुमार ने बताया कि हत्या करने वाले गांव के ही हैं। पहले से ही रंजिश चली आ रही थी। आरोपियों की तलाश की जा रही है। बता दें कि छोटे लाल दिवाकर सपा नेता थे। वर्ष 2017 में चंदौसी विधानसभा से सपा ने इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, कांग्रेस से गठबंधन के चलते बाद में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई थी और फिर कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी यहां से उतारा था।
 

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