Inside Story: सपा विधायक शहजिल इस्लाम ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर की टिपण्णी, जानिए आखिर क्या है राजनीतिक इतिहास

बरेली में भोजीपुरा विधानसभा सीट से नवनिर्वाचित सपा के विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में एफआईआर दर्ज हो गई। शहजिल इस्लाम पूर्व राज्य मंत्री हैं और और बरेली के पुराने राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

राजीव शर्मा
बरेली:
उत्तर प्रदेश के जिले बरेली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में सोमवार को सपा के जिस विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ एफआईआर हुई है, वह बसपा की मायावती सरकार में मुस्लिम वक्फ के राज्य मंत्री भी रहे हैं। वर्तमान में बरेली की भोजीपुरा सीट से सपा के विधायक हैं और चौथी बार विधायक बने हैं। दो दिन पहले ही दो अप्रैल को शहर में अपने सम्मान समारोह में उन्होंने वह आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिस पर उनके खिलाफ एफआईआर हुई है। वह बरेली के पुराने राजनीतिक परिवार से हैं, जिसका बरेली के अंसारी मुस्लिमों में प्रभाव माना जाता है।

क्या की थी सीएम योगी पर टिप्पणी?
दो अप्रैल को बरेली शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के शक्तिनगर में सपा के जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार सक्सेना ने बरेली में जीते सपा के दो विधायक भोजीपुरा से शहजिल इस्लाम और बहेड़ी से अताउररहमान का सम्मान समारोह आयोजित किया था। इसमें अपने संबोधन में शहजिल इस्लाम ने कहा- 'नेता सदन (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) अगर विपक्ष के लिए अपशब्द कहने का काम करेंगे तो हम लोग चुप नहीं बैठेंगे। हाथ के हाथ जवाब देंगे। वो दिन चले गए, जब उनकी तानाशाही चलती थी। अब एक मजबूत विपक्ष यूपी में मौजूद है। अगर उनके मुंह से एक भी आवाज निकलेगी तो हमारी बंदूकों में से धुआं नहीं निकलेगा, गोली निकलेंगी।' हालांकि अपनी इस टिप्पणी पर उन्होंने मीडिया को दी सफाई में कहा था कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया।

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किसने दर्ज कराई एफआईआर?
भोजीपुरा विधायक शहजिल इस्लाम के खिलाफ हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष अनुज वर्मा की ओर से शहर के बारादरी थाने में सोमवार को रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस ने उनकी तहरीर पर सपा विधायक, कार्यक्रम आयोजक सपा के जिला उपाध्यक्ष संजीव कुमार सक्सेना और एक अन्य के खिलाफ गाली-गलौज, धमकी देने और भावनाओं को आहत करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली है। बरेली के एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने मीडिया से इसकी पुष्टि की है।

पिता का नामांकन खारिज होने के बाद सियासत में आए थे शहजिल
शहजिल इस्लाम बरेली के राजनीतिक परिवार से हैं। उनसे पहले उनके पिता इस्लाम साबिर और दादा अशफाक अहमद भी बरेली कैंट सीट से कई बार विधायक रह चुके हैं लेकिन शहजिल का राजनीति में आना अनायास रहा। यह बात उत्तर प्रदेश में 2002 के विधानसभा चुनाव की है, तब शहजिल इस्लाम के पिता पूर्व विधायक इस्लाम साबिर ने सपा से बरेली कैंट सीट पर नामांकन दाखिल किया था। नामांकन पत्र की जांच में उनका पर्चा निरस्त हो गया लेकिन अपने नामांकन के साथ उन्होंने शहजिल का भी नामांकन करा दिया था। ऐसे में, वह अपने पिता का पर्चा खारिज होने के बाद सपा समर्थित प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और तब प्रदेश में सबसे कम उम्र के विधायक बने।

सपा छोड़कर बसपा में हो गए थे शामिल
शहजिल इस्लाम 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा में शामिल हो गए थे लेकिन इस बार बरेली कैंट से नहीं, बल्कि जिले की भोजीपुरा विधानसभा से बसपा ने प्रत्याशी बनाया। वहां से जीते तो मुख्यमंत्री मायावती ने वक्फ का राज्य मंत्री बनाकर लाल बत्ती दी लेकिन अगले विधानसभा चुनाव 2012 में बसपा ने उनको टिकट नहीं दिया। इस पर वह मौलाना तौकीर रजा की सियासी पार्टी आईएमसी यानी इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल से चुनाव लड़े और जीतकर फिर विधायक बने। हालांकि बाद में वह आईएमसी छोड़कर सपा में शामिल हो गए। 2017 का विधानसभा चुनाव वह भोजीपुरा से सपा के टिकट पर लड़े लेकिन भाजपा की लहर में जीत न सके लेकिन इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में वह सपा प्रत्याशी के रूप में चौथी बार विधायक बनने में कामयाब हो गए।

पत्नी भी लड़ चुकी हैं लोकसभा का चुनाव
शहजिल इस्लाम की पत्नी आयशा इस्लाम भी चुनाव लड़ चुकी हैं। उनको साल 2014 में सपा ने बरेली लोकसभा से प्रत्याशी बनाया था लेकिन वह जीत नहीं सकीं। बसपा सरकार में आयशा इस्लाम जिला पंचायत सदस्य भी रहीं। शहजिल इस्लाम के पिता इस्लाम साबिर भी कई बार बरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्हें बरेली की राजनीति में मंझा खिलाड़ी माना जाता है।

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