5वीं पास सिर्फ 8 रुपए लगाकर ऐसे बनाता था 100 रुपए का नकली नोट, 5 मिनट में बनाता था एक नोट

इनके पास से पुलिस ने 100-100 रुपए के नकली नोट के 35 हजार रुपए लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, मोबाइल बरामद किए गए हैं।

आगरा. यूपी के आगरा में पुलिस ने 100 रुपए के जाली नोट छापने वाले गिरोह का खुलासा किया है। गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से पुलिस ने 100-100 रुपए के नकली नोट के 35 हजार रुपए लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, मोबाइल बरामद किए गए हैं। 

कैसे छापते थे नकली नोट, कितना आता था खर्च
नकली नोट छापने का यह काम सदर बाजार के शहीद नगर की एकता कॉलोनी में चल रहा था। आरोपियों ने कॉलोनी में एक मकान किराए पर ले रखा था। पुलिस ने बताया, आरोपी 10 रुपये के स्टांप पेपर की कटिंग करके स्कैनर और प्रिंटर की मदद से 100 रुपए के 3 नोट बनाते थे। इन पर बड़ी सफाई से चांदी का धागा (सिल्वर थ्रेड) लगाते थे। ये सिर्फ 100 रुपए का नकली नोट छापते थे। एक गड्डी 10 हजार रुपए की होती थी, जिसे तैयार करने में 450 रुपए का खर्च आता था। एक नोट सिर्फ 8 रुपए की लागत से पांच मिनट में तैयार हो जाता था। गिरोह पिछले डेढ़ साल से यह काम कर रहा था। सबसे खास बात ये है कि इस गिरोह का सरगना सिर्फ 5वीं पास है। 

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मार्केट में कैसे चलाते थे नकली नोट 
गिरोह 10 हजार रुपए की एक गड्डी शराब के देहात क्षेत्रों में स्थित ठेकों पर सेल्समैन को 5 हजार रुपए में देता था। सेल्समैन नशे में धुत लोगों को बड़ी आसानी से नकली नोट थमा देते थे। 100 रुपए के नोट को कोई चेक भी नहीं करता था। इसमें सेल्समैन को एक गड्डी पर सीधा पांच हजार रुपए का फायदा होता था।

पुलिस का क्या है कहना
एसटीएफ के सीओ श्यामकांत ने बताया, ठेके पर नकली नोट चलाने वाले सेल्समैन की तलाश की जा रहा है। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि जाली करेंसी को बिचपुरी, शमसाबाद, अछनेरा, किरावली में सबसे ज्यादा चलाया गया। शिवम तोमर, ओमकार झा, अवधेश सविता, सुनील सिसौदिया और लाखन को गिरफ्तार किया गया है।

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