पिता के साथ सब्जी बेचने वाला बना BJP विधायक, कुछ ऐसे हासिल किया ये मुकाम

मऊ की घोषी सीट से बीजेपी के विजय राजभर चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने बेहद दिलचस्प मुकाबले में सपा समर्थित उम्मीदवार सुधाकर सिंह को 1773 वोटों से हरा दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 24, 2019 6:58 PM IST / Updated: Oct 25 2019, 10:50 AM IST

मऊ(Uttar Pradesh ). अगर व्यक्ति में कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो वह किसी भी चुनौती को मात दे सकता है। जी हां मऊ की घोषी सीट से बीजेपी के विजय राजभर चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने बेहद दिलचस्प मुकाबले में सपा समर्थित उम्मीदवार सुधाकर सिंह को 1773 वोटों से हरा दिया। घोसी से विधायक बने विजय राजभर बेहद गरीब परिवार से आते हैं। अपने पिता के साथ सब्जी बेचते थे। विजय ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। विजय बचपन से ही संघ की शाखाओं में जाते रहे। बताया  जाता है कि RSS की ही पैरवी पर विजय राजभर को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था। hindi.asianetnews.com ने विजय राजभर के पिता नंदलाल से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने संघर्षों की कहानी बयां किया। 

जाने कौन हैं विजय राजभर
घोसी सीट से उपचुनाव में विजय प्राप्त करने वाले बीजेपी प्रत्याशी विजय राजभर के परिवार की पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं है। उनके पिता नंदलाल राजभर नगर के आजमगढ़ रोड ओवरब्रिज के नीचे ठेले पर सब्जी की दुकान लगाते हैं। भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर काम करते हुए अपने वार्ड से विजय सभासद चुने गए। 2012 व 2013 में आरएसएस में उनकी सक्रियता काफी बढ़ गयी । बीजेपी की केंद्र में सरकार बनने के बाद वह मऊ के नगर अध्यक्ष बने। 2018 में जिले में महामंत्री बने। पार्टी में सक्रियता और जमीनीस्तर पर कार्य भी करते रहे।

पिता के साथ बेंचते थे सब्जी 
विजय राजभर के पिता नंदलाल  बताया कि विजय बचपन से ही होनहार था। लेकिन उसका मन शुरू से ही समाजसेवा के काम में ज्यादा लगता था। थोड़ा बड़ा हुआ तो RSS की शाखा में जाने लगा। वहीं से उसके मन में राजनीति में सक्रिय होकर समाजसेवा करने की प्रेरणा जग गयी। उन्होंने बताया कि मेरी सब्जी की एक छोटी सी दुकान है। इस दुकान पर विजय भी कभी-कभी मेरे साथ सब्जियां बेंचने आता था। कभी अगर मुझे कोई काम आदि आ जाता था तो विजय ही दुकान संभालता था। 

टिकट मिला तो सामने आया पैसों का अभाव 
नन्दलाल बताते हैं "विजय को जब भारतीय जनता पार्टी ने उपचुनाव में प्रत्याशी बनाया तो सबसे बड़ी समस्या पैसों की थी। हमारी कमाई इतनी नहीं थी कि मेरा बेटा चुनाव लड़ सके। लेकिन जान-पहचान वालों व पार्टी ने उसे चुनाव लड़ाया। उसने कभी किसी चीज से हार नहीं मानी वही नतीजा है की आज वह विधायक बन गया है। 

फागू चौहान के राज्यपाल बनने के बाद खाली हुई थी सीट 
घोसी सीट 2017 में भी बीजेपी के ही नाम रही थी। उस समय बीजेपी प्रत्याशी फागू चौहान ने यहां शानदार जीत दर्ज की थी। लेकिन फागू चौहान के बिहार का राज्यपाल बनने से यह सीट खाली खाली हो गयी थी। इसीलिए इस सीट पर उपचुनाव हो रहा था। जिसमें भाजपा ने यहां विजय राजभर को अपना प्रत्याशी बनाया था। यहां 11 प्रत्यशियों के बीच मुकाबला था। जिसमे बीजेपी के विजय राजभर 68371 वोट पाकर विजयी रहे। जबकि सपा के सुधाकर सिंह 66598 वोट पाकर दूसरे बसपा के कयूम अंसारी 50775 वोटों के साथ तीसरे और कांग्रेस के राजमंगल यादव 11624 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। 

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