सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी गठबंधन की हार के लिए बसपा और उनके नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। राजभर ने कहा कि बीजेपी को जीताते-जीताते बसपा आज एक ही सीट पर सिमट कर रह गई है। खुद को राष्ट्रीय पार्टी कहने वाली बसपा आज कहां खड़ी है। आज सुभासपा बसपा से बड़ी पार्टी हो गई है। हमारे 6 विधायक जीतकर आए है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम 10 मार्च को सामने आ चुके है। जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने बहुमत के साथ जीत हासिल की है। विधानसभा चुनाव परिणाम सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने भी जनादेश को स्वीकार कर लिया है। साथ ही विधानसभा चुनाव में हार को लेकर नेता अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है। इसी कड़ी में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी गठबंधन की हार के लिए बसपा और उनके नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है। राजभर ने कहा कि बीजेपी को जीताते-जीताते बसपा आज एक ही सीट पर सिमट कर रह गई है। खुद को राष्ट्रीय पार्टी कहने वाली बसपा आज कहां खड़ी है। आज सुभासपा बसपा से बड़ी पार्टी हो गई है। हमारे 6 विधायक जीतकर आए है।
सुभासपा अध्यक्ष राजभर कहते है कि भारतीय जनता पार्टी को जिताने के चक्कर में मायावती किसी तरह एक ही सीट बचा पाई हैं। हम समाजवादी पार्टी के साथ जाकर 6 सीट जीतने में कामयाब रहे। गौरतलब है कि बसपा को चुनावों में महज एक ही सीट हासिल हुई है। बलिया की रसड़ा सीट से बसपा के उमाशंकर सिंह लगातार तीसरी बार जीतने में कामयाब रहे हैं।
राजभर अपने बेटे की सीट नहीं बचा सके
विधानसभा चुनाव में मिली हार में जीत तलाशते हुए ओमप्रकाश राजभर कहते है कि जहां-जहां उनकी पार्टी ने जमीन पर काम किया वहां-वहां गठबंधन को जीत मिली। उन्होंने कहा कि गठबंधन गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, बस्ती, अंबेडकरनगर, जौनपुर में सफल रहा। पूर्वांचल से बाहर हम हारे हैं। अब जब चुनाव नतीजे आ गए हैं तो हम हार की समीक्षा करेंगे। बता दें कि राजभर खुद तो गाजीपुर की जहूराबाद सीट से जीत गए, लेकिन अपने बेटे अरविंद राजभर की सीट नहीं बचा पाए। अरविंद राजभर को बीजेपी के अनिल राजभर ने हराया। अरविन्द राजभर वाराणसी के शिवपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे।
चुनावी नतीजो पर बोलीं मायावती
हालांकि शुक्रवार को बहुजन समाजवादी पार्टी की सुप्रिमो मायावती ने कहा कि चुनाव में मिले पूरे यूपी से फीडबैक के मुताबिक जातिवादी मीडिया ने मैनेज्ड सर्वे आदि के माध्यम से मुस्लिम समाज व भाजपा विरोधी हिंदू समाज को भी गुमराह करने में सफलता पाई है। लोगों को गुमराह किया गया कि बसपा भाजपा की ही बी-टीम है। इसी के साथ यह पार्टी सपा के मुकाबले कम मजबूती से चुनाव लड़ रही है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। भाजपा से बसपा की लड़ाई राजनीतिक के साथ-साथ चुनावी और सैद्धान्तिक भी है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बसपा की उम्मीद के विपरीत जो नतीजे आए हैं, उससे घबराकर व निराश होकर पार्टी के लोगों को टूटना नहीं है। उसके सही कारणों को समझकर और सबक सीखकर हमें अपनी पार्टी को आगे बढ़ाना है और आगे चलकर सत्ता में जरूर आना है। मुस्लिम समाज बसपा के साथ तो लगा रहा परन्तु इनका पूरा वोट समाजवादी पार्टी की तरफ सिफ्ट कर गया, इससे बसपा को भारी नुकसान हुआ। मुस्लिम समाज ने बार-बार आजमाई पार्टी बसपा से ज्यादा सपा पर भरोसा करने की बड़ी भारी भूल की है।