सुलतानपुर में एक ही गांव में एक साथ 5 लोगों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है। ग्रामीणों ने देर रात ही पांचों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया। इस बीच दुर्घटना में घायल शिक्षिका समेत दो की हालत गंभीर है।
सुलतानपुर: जनपद में एक ही गांव में चार घरों से निकल रही सिसकियों ने लोगों को चौंकाकर रख दिया। यह घटना नकराही गांव से सामने आई। जहां देर रात ही पांच मृतकों के शव को दफन भी कर दिया गया। दरअसल कोतवाली देहात के अयोध्या प्रयागराज बाईपास पर शुक्रवार को ट्रालर की टक्कर से ई रिक्शा पर सवार लोगों की मौत हो गई। इस बीच स्कूटी सवार शिक्षिका समेत दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गए।
मां-बाप की मौत के बाद बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल
सामने आए इस हादसे के बाद से गांव में मातम पसरा है। हादसे में रघुवीर के घर में पति-पत्नी की मौत के बाद सबसे ज्यादा जनहानि हुई है। यहां बेबस बच्चों को संभालने वाला भी कोई नहीं है। मां-बाप की मौत के बाद उनके बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। इस बीच आसपास के लोग और रिश्तेदार उन्हें समझाने के प्रयास में लगे हुए हैं। नकराही गांव में शुक्रवार की शाम को जब एक साथ पांच शव पहुंचे तो हर किसी की आंखे नम थी। सूर्यास्त होने के बाद परिजनों ने शनिवार को ही अंतिम संस्कार करने की बात कही थी।
अधिकारियों के समझाने पर देर रात अंतिम संस्कार को राजी हुए परिजन
हालांकि इस बीच देर रात पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने वहां पहुंच ग्रामीणों को समझाया। एसडीएम और सीओ से बातचीत के बाद रात में ही परिजन उनका अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। गांव के बाहर ही मशीन से गड्ढा बनाकर पांचों शवों को दफन कर दिया गया। दरअसल इस गांव में दलितों के शव को जलाया नहीं जाता है बल्कि दफनाया जाता है इसी के चलते यह प्रक्रिया अपनाई गई। इस बीच गांव में सुरक्षा के मद्देनजर अभी भी सिपाहियों की तैनाती है। इस बीच ई-रिक्शा चालक हरीश का अंतिम संस्कार कामनगढ़ गांव के पास गोमती किनारे घाट पर हुआ। इस बीच केएआई नर्सिंग कॉलेज की शिक्षिका अनुराधा और अमरावती का इलाज लखनऊ मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
साथी सिपाही ने ही आशीष को उतारा था मौत के घाट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लटकाए जाने समेत खुले कई राज