कल तक पूरा हो सकता है रामलला के अस्थाई मंदिर का निर्माण, 432 वर्ग फीट का होगा स्थल, 25 को CM करेंगे पहली आरती

रामलला 1992 से अस्थाई तंबू में विराजमान थे। लेकिन, अब भगवान को फाइबर का सुख सुविधा युक्त मंदिर मिलने जा रहा है। इसको लेकर राम मंदिर के प्रधान पुजारी भी काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं। इससे पहले मौसम बदलने के बाद यहां काफी समस्याएं होती थी। रामलला के पास गर्मी से बचने के लिए भी इंतजाम नहीं थे।

Ankur Shukla | Published : Mar 17, 2020 5:08 AM IST / Updated: Mar 17 2020, 10:42 AM IST

अयोध्या, (Uttar Pradesh)। मंदिर निर्माण से पहले 27 वर्षों बाद भगवान राम को अस्थाई फाइबर के बुलेट प्रूफ मंदिर में शिफ्ट करने के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। अस्थाई गर्भगृह का निर्माण 18 मार्च तक ही पूरा हो जाने की उम्मीद है। बता दें कि शनिवार को दिल्ली से बनकर प्री फैब्रिकेटेड सीट आई है। जिसे पहले से ही तैयार 432 वर्ग फीट के चबूतरे पर गर्भगृह के आकार में सेट किया जाना है। यह काम सुरक्षा की दृष्टि से केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में हो रहा है। अस्थाई गर्भगृह में रामलला की शिफ्टिंग 25 मार्च को ब्रह्म मुहूर्त में होगी। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ रामलला की पहली आरती करेंगे।

रामलला को गर्मी से बचाने के लिए एसी

रामलला 1992 से अस्थाई तंबू में विराजमान थे। लेकिन, अब भगवान को फाइबर का सुख सुविधा युक्त मंदिर मिलने जा रहा है। इसको लेकर राम मंदिर के प्रधान पुजारी भी काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं। इससे पहले मौसम बदलने के बाद यहां काफी समस्याएं होती थी। रामलला के पास गर्मी से बचने के लिए भी इंतजाम नहीं थे। लेकिन, नया फाइबर का मंदिर पानी और आग से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। सूत्रों की मानें तो रामलला को गर्मी से बचाने के लिए इसमें 2 एसी भी लगेंगे।

ट्रस्ट ने लिए हैं कई महत्वपूर्ण फैसले

इस बार रामलला के जन्म उत्सव की खुशियां भी अयोध्या में देखने लायक होगी। इससे पहले मंदिर के नए ट्रस्ट ने राम भक्तों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। माना जा रहा है कि जल्दी और राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन के समतलीकरण का कार्य भी शुरू हो जाएगा। 

भक्तों के लिए लिया जा चुका है यह निर्णय

इस ट्रस्ट ने रामलला का करीब से दर्शन हो सके और श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन के लिए कम चलना पड़े को भी ध्यान में रखा गया है। इसके लिए कई निर्णय लिए गए हैं। रामलला को नए मंदिर में विराजमान कराने के साथ ही राम मंदिर निर्माण का कार्य की शुरुआत ट्रस्ट कर सकता है।

(प्रतीकात्मक फोटो)

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